मौसमी बीमारियां के सीजन में डिस्पेंसरियों में डॉक्टर्स नहीं
कोटाPublished: Nov 13, 2022 05:35:42 pm
इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। घर-घर सर्दी, जुकाम, खांसी व बुखार के मरीज सामने आ रहे है। मरीज आसपास इलाकों पर बनी शहरी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज के लिए जा रहे है, लेकिन इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर्स नहीं है। कई केन्द्रों पर कार्य व्यवस्था चिकित्सक लगाकर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में केन्द्रों पर आने वाले मरीज बिना इलाज के लौट रहे है। उन्हें 10 से 15 किमी दूरी तय कर एमबीएस या नए अस्पताल इलाज के लिए जाना पड़ रहा है।


मौसमी बीमारियां के सीजन में डिस्पेंसरियों में डॉक्टर्स नहीं
इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। घर-घर सर्दी, जुकाम, खांसी व बुखार के मरीज सामने आ रहे है। मरीज आसपास इलाकों पर बनी शहरी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज के लिए जा रहे है, लेकिन इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर्स नहीं है। कई केन्द्रों पर कार्य व्यवस्था चिकित्सक लगाकर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में केन्द्रों पर आने वाले मरीज बिना इलाज के लौट रहे है। उन्हें 10 से 15 किमी दूरी तय कर एमबीएस या नए अस्पताल इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। इससे इन बड़े अस्पतालों में डॉक्टर्स पर भार पड रहा है। वहीं, अव्यवस्था के चलते मरीजों को छोटे-मोटे इलाज के लिए धन व समय की बर्बादी हो रही है। जबकि राज्य सरकार एक तरफ हर मरीज को नि:शुल्क व बेहतर चिकित्सा का दावा करती है, लेकिन डॉक्टर्स के अभाव में यह हवा साबित हो रहा है।