डीआरएम पंकज शर्मा ने बताया कि एक साल में यह परियोजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, इसलिए सभी विभागों के कार्य पूरी गति से चल रहे हैं। सिग्नल और टेलीकॉम विभाग ने कवच सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने का कार्य भी शुरू कर दिया है। इस स्वदेशी विकसित प्रणाली से ट्रेनों को खतरे का सिग्नल पार करने और टक्कर रोकने के लिए सुरक्षा मिलती है। यदि चालक गति सीमा के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय करता है। इसके अलावा, यह ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है जिनमें कवच प्रणाली काम कर रही है।
फैक्ट फाइल
2664.14 करोड़ रुपए खर्च होंगे कोटा मंडल में
182.32 करोड़ अब तक खर्च हो चुके हैं
391 करोड़ रुपए चालू वित्तीय वर्ष के लिए मिले हैं
545 किमी रेलमार्ग कोटा मंडल में होगा अपग्रेड