शर्मा ने राष्ट्रपति सचिवालय में 13 फरवरी को याचिका दायर कर यूक्रेन में भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी की मांग की थी। उन्होंने भारतीय छात्रों के जीवन के अधिकार की रक्षा कर उन्हें भारत लाने के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को भी शिकायत की है।
यूक्रेन से लौटे छात्रों ने बताया कि वर्तमान में यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी हुई है। इससे वहां लोग डर के साए में जी रहे हैं। यूक्रेन की सरकार सीमावर्ती शहरों को लगातार खाली करवा रही है। अभी गिने-चुने छात्र ही भारत आ पाए हैं। 25 से 30 हजार भारतीय विद्यार्थी अभी भी यूक्रेन में ही फंसे हुए हैं। अभी भारत सरकार की ओर से एयर इंडिया की यूक्रेन से दिल्ली की फ्लाइट की घोषणा तो की गई है, लेकिन अभी उड़ानें शुरू नहीं हुई हैं।
इससे उन्हें मजबूरी में एयर अरेबिया की फ्लाइट से शरजाह होकर भारत आना पड़ा है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के विश्वविद्यालयों की ओर से भारतीय छात्रों पर ऑफलाइन क्लासों व जुर्माने के दबाव से भी कई छात्र जीवन संकट में डालकर भी वहीं रहने को मजबूर हैं। भारत आने के लिए फ्लाइट की रेट भी पहले से कहीं ज्यादा हो गई है।
इसलिए भी छात्रों को समस्या हो रही है। छात्र के माता-पिता भी भारत में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। छात्रों के माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे भारत आ जाएं। छात्र लोकेश के अभिभावक सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक घनश्याम मीणा ने कहा कि बच्चों के भारत लौटने से उनके परिवार ने राहत की सांस ली है।
इसलिए भी छात्रों को समस्या हो रही है। छात्र के माता-पिता भी भारत में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। छात्रों के माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे भारत आ जाएं। छात्र लोकेश के अभिभावक सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक घनश्याम मीणा ने कहा कि बच्चों के भारत लौटने से उनके परिवार ने राहत की सांस ली है।