सुकून की बात, सुरक्षित निकल गए सुकून की बात यह रही की तीनों उदबिलाव शहर के मध्य घनी बस्ती में आने के बावजूद सुरक्षित वापस नाले से होकर निकल गए। इनके पैर छोटे होने के कारण ये अधिक ऊंचे नहीं होते है। अक्सर अपने शिकार के पीछे पानी में बहुत तेजी से तैरते हुए तल तक पहुंच जाते है। यह पानी में इस प्रकार तैरते है, जैसे कोई रिवर राफ्टिंग कर रहा हो।
शुभ संकेत, बढ़ रहा कुनबा
कोटा बैराज, जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर चंबल नदी में उदबिलाव केवल राणा प्रताप सागर बांध के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में समर ब्रिज के समीप नदी में अठखेलियां करते दिखते है। छह उदबिलाव के जोड़े को देखने के लिए और उनकी सोशल मीडिया पर रील बनाने, फोटो शूट करने के लिए देश भर के वन्य जीव प्रेमी रावतभाटा आते है।
शुभ संकेत, बढ़ रहा कुनबा
कोटा बैराज, जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर चंबल नदी में उदबिलाव केवल राणा प्रताप सागर बांध के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में समर ब्रिज के समीप नदी में अठखेलियां करते दिखते है। छह उदबिलाव के जोड़े को देखने के लिए और उनकी सोशल मीडिया पर रील बनाने, फोटो शूट करने के लिए देश भर के वन्य जीव प्रेमी रावतभाटा आते है।
भैंसरोडगढ़ अभयारण्य के सहायक वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बतायाकि उदबिलाव सम्भवतः राणा प्रताप सागर बांध के गेट खुलने से तेज जलप्रवाह के चलते नदी से अलग नाले में आकर बस्ती तक पहुंच गए हो। वन विभाग की अपील है की इन्हें नुकसान न पहुंचाए। शुभ संकेत है की दुर्लभ और राजस्थान में केवल रावतभाटा में पाए जाते है और इनका कुनबा बढ़ रहा है।
भैंसरोडगढ़ वन्य जीव अभयारण्य के क्षेत्रीय वन अधिकारी दिनेश नाथ योगी ने बताया कि बुधवार सुबह तीन उदबिलाव पीडब्ल्यूडी ऑफिस में होने की सूचना पर वन्य जीव कार्मिक मौके पर पहुंचे। बड़ी पुलिया नाले से होकर वह वापिस चंबल नदी में चले गए।