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मुकुन्दरा के शहंशाह की दिखाई राह पर चल पड़े टी-115,टी-110 और टी-59

locationकोटाPublished: Dec 02, 2019 09:18:17 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

रणथम्भौर अभयारण्य में टैरेटरी के संघर्ष के बाद तीन बाघ पलायन कर बूंदी जिले की इंद्रगढ़ वन्यजीव रेंज आ गए

मुकुन्दरा के शहंशाह की दिखाई राह पर चल पड़े टी-115,टी-110 और टी-59

मुकुन्दरा के शहंशाह की दिखाई राह पर चल पड़े टी-115,टी-110 और टी-59

कोटा /इंद्रगढ़ (बूंदी) . रणथम्भौर अभयारण्य में टैरेटरी के संघर्ष के बाद तीन बाघ पलायन कर बूंदी जिले की इंद्रगढ़ वन्यजीव रेंज आ गए हैं। वन विभाग ने डपटा गांव के पास बाघ टी-115, सखावदा के जंगल में टी-110 और सखावदा से कमलेश्वर महादेव ‘क्वाांलजीÓ के बीच टी-59 के होने की पुष्टि की है।

रणथम्भौर अभयारण्य के सहायक वन संरक्षक संजीव कुमार ने बताया कि तीनों ही बाघों की रोजाना वनकर्मी ट्रेकिंग कर रहे हैं। बाघ टी-115 रविवार को खेड़ली देवजी से मेज नदी को पार करके खरायता से होकर गुजरा। डपटा गांव के पास सोमवार को इसके पगमार्क मिले। सखावदा के जंगल में बाघ टी-110 के फोटो पहले ही मिल चुके।
बाघों की सुरक्षा को लेकर वन्यजीव कर्मियों की अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई, जो अब लगातार ट्रेकिंग करेगी। बाघ टी-115 व टी-110 दोनों नर हैं, जबकि सखावदा से कमलेश्वर महादेव के जंगलों के बीच घूम रहा बाघ टी-59 मादा है। मादा बाघिन सखावदा से चलकर कमलेश्वर तक आती है और फिर वापस लौट जाती है। इसके भी फोटो व पगमार्ग मिल चुके हैं।
25 फोटो ट्रेप कैमरे लगाए
बाघों की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए वन्यजीव विभाग एवं विश्व प्रकृति निधि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने जंगल में करीब 25 जगह फोटो ट्रेप कैमरे लगाए हैं। इन कैमरों के माध्यम से बाघों पर निगरानी रखी जा रही है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने सोमवार दोपहर को पोलघटा क्षेत्र में ट्रेकिंग की। वहीं वन्यजीव इंद्रगढ़ के रेंज अधिकारी विजय कुमार मीणा ने सखावदा से बलवन तक पैदल ट्रेकिंग की।
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