scriptमुकुन्दरा का बाघ दो माह से लापता | Tiger not seen after August 19 | Patrika News

मुकुन्दरा का बाघ दो माह से लापता

locationकोटाPublished: Oct 21, 2020 11:06:11 pm

Submitted by:

Hemant Sharma

कोटा. मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-1 को लापता हुए दो माह से अधिक समय हो गया है। विभाग ने बाघ को ढूंढने के सभी तरीकों का उपयोग कर लिया है। इसके बावजूद विभाग को अभी तक बाघ की तलाश में कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

mukundara tiger

मुकुन्दरा का बाघ दो माह से लापता

कोटा. मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-1 को लापता हुए दो माह से अधिक समय हो गया है। विभाग ने बाघ को ढूंढने के सभी तरीकों का उपयोग कर लिया है। इसके बावजूद अभी तक बाघ की तलाश में कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। महज 82 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में न तो बाघ मिल रहा है,न ही इससे सम्बन्धित कोई साक्ष्य विभाग को मिल रहे हैं। इससे बाघ को लेकर आंशकाएं जन्म ले रही है। इधर विषय के जानकार अब भी कुछ कहने से इन्कार कर रहे हैं। उनका मानना है कि बाघ को लेकर कुछ कहना संभव नहीं हैं।
दो माह पहने हुआ था कैमरा ट्रेप

जानकारी के अनुसार बाघ दो माह पहले 19 अगस्त को कैमरा ट्रेप हुआ था। इसके बाद यह न तो कैमरे में कैद हुआ है, न ही इसकी किसी को डायरेक्ट नहीं हुई। बाघ के पगमार्ग भी नजर नहीं आए हैं।
इससे थी उम्मीद

डेढ़ माह पहले 29 अगस्त को टाइगर रिजर्व में बाघ के शिकार के रूप में घायल बेल मिला था। इसकी स्थिति व शरीर पर बने निशानों को देखकर लगा था कि इसे बाघ ने अपना शिकार बनाने का प्रयास किया, इसके बाद तो कोई साक्ष्य बाघ नहीं दे रहा है।.मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-1 सबसे सीनीयर बाघ है। इसे 3 अप्रेल 2018 को रामगढ़ से रेस्क्यू कर मुकुन्दरा हिल्स में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद दो बाघिनों को लाया गया व एक बाघ खुद चलकर मुकुन्दरा हिल्स में आ गया था।
अकेली पड़ गई बाघिन

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों के दो जोड़े व इनके शावक हो गए थे। एक बाघ व एक बाघिन तथा एक शावक की मौत हो गई। बाघ की तरह ही एक शावक लापता हो गया। बाघिन एमटी-4 के शावक तो सामने नहीं आए। ऐसी स्थिति में बाघिन एमटी-4 फिलहाल अकेली रह गई है। यह सॉफ्ट एनक्लॉजर में है।
कैमरा ट्रेप लगाए

इधर विभाग ने टाइगर रिजर्व में बाघ को खोजने के 82 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 80 के करीब कैमरा ट्रेप लगाए गए हैं। इन कैमरों को इस तरह से लगाया गया है कि बाघ कहीं भी हो तो कैमरे की नजरों से बच नहीं पाए।
इनका है कहना

पूर्व वन अधिकारी वाईके साहू के अनुसार बाघ को लेकर कुछ कहना संभव नहीं है।कई बार ऐसा भी होता है कि जहां हो वहां तक ट्रेकिंग टीम नहीं पहुंच पाई हो। पूरी कौशिशों के साथ बाघ को तलाशा जाना चाहिए। हालांकि 82 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र मेंं यदि है तो इतने दिनों में कोई न कोई साक्ष्य सामने आ जाना जाना चाहिए, लेकिन टाइगर को लेकर कुछ कहना मुश्किल है। इधर मामले में टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक बीजो जोय बताते हैं कि बाघ को तलाशने के पूरे प्रयास कर रहे हैं। विभाग के कर्मचारियों के साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का भी सहयोग ले रहे हैं। कैमरा ट्रेप भी लगवा दिए गए हैं।
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