विभाग के उप वन संरक्षक बीजो जॉय ने बताया कि बाघिन अब सामान्य है। इसकी निगरानी की जा रही है। डॉ. तेजेन्द्र रियाड़ व टीम निगरानी रख रही है। उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा गया है। गत वर्ष अक्टूबर में अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में उसका इलाज किया गया था। इसके बाद से उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा गया था। इसके बाद से ही यह यहीं पर है। जानकारी के अनुसार गत वर्ष उसके पैर में घाव हो गया था, वहीं पैर के ऊपर मांसपेशियां फट गई थी। स्थिति गंभीर होने पर उसे ट्रंकोलाइज कर अभेड़ा में लाकर इलाज किया था। टाइगर रिजर्व में बाघ एमटी-1 के लापता होने व एक बाघ-बाघिन की मौत के बाद यह अकेली बाघिन रह गई है।