मिशन रफ्तार के तहत घुमाव और ट्रेक की ऐसी खामियों को दुरुस्त किया जा रहा, जिनके कारण ट्रेन को नियंत्रित कम रफ्तार में चलाना मजबूरी है। इसके साथ दिल्ली से मुंबई के सफर के घंटे कम करने की योजना पर भी काम चल रहा है। इसके लिए दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से की जाएगी।
इसका पिछले साल ट्रायल भी हो चुका है। हाल ही लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय ने बताया कि नई दिल्ली-मुंबई राजधानी के मौजूदा यात्रा समय 15 घंटे 30 मिनट की तुलना में 12 घंटे करने की योजना है।
अन्य ट्रेनों की भी बढ़ेगी रफ्तार इसके साथ ही भारतीय रेलवे मिशन रफ्तार के तहत मालगाड़ी एवं यात्री ट्रेनों की औसत गति को अगले पांच वर्षों के दौरान 25 किमी प्रति घंटा तक बनाने की तैयारी कर रहा है। मिशन रफ्तार सड़क और हवाई मार्ग से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपनाई जाने वाली रणनीति का यह एक हिस्सा है।
परिवहन क्षेत्र में 45 प्रतिशत की हिस्सेदारी भारतीय रेल के लिए वांछनीय मानी जाती है, क्योंकि यह पर्यावरण अनुकूल और परिवहन का सस्ता माध्यम है। मालगाड़ी ट्रेनों की औसत गति 24 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि यात्री ट्रेनों (उप-नगरीय रेलों को छोड़कर) की औसत गति 44 किमी प्रति घंटा है। इसके अलावा यात्रा अवधि को कम करने, माल ढोने में लगने वाले समय को कम करने, संचालन लागत को कम करने, राजस्व बढ़ाने तथा रेलवे की बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए रेलों की औसत गति को बढ़ाना जरूरी है।