टेस्ट ऐसे टेक्नीशियन ऑपरेटर राजेन्द्र प्रजापति व जयदीप चौधरी के अनुसार, दो पहिया व चार पहिया के लिए अलग अलग ट्रैक हैं। इन पर कैमरे व सेंसर्स लगे हुए हैं। चार पहिया वाहन चालकों के टेस्ट के लिए 4 स्टैप्स हैं और 7 मिनट में टॉस्क पूरा करना होता है। सबसे पहले स्टेप रिवर्स पार्र्किंग है। इस स्टेप में 2 मिनट का समय निर्धारित है। इसके बाद आठ का साइन (1 मिनट), एच (3 मिनट)के आकार व चौथी स्टेप में पुल (1 मिनट) से होकर गुजरना पड़ता है।
दो पहिया वाहन संचालन के लिए एक मिनट का टेस्ट है। इसमें भी आठ के आकार के ट्रैक में वाहन चलाना होता है। चिन्हों के अनुसार वाहन चलने पर पास और ट्रैक से नीचे उतरने व निर्धारित समय से अधिक समय लेने पर सेंसर्स व कैमरा कमी पकड़ लेगा।
200 में से चाहिए 160 अंक चार पहिया वाहन के लाइसेंस टेस्ट के लिए चारों स्टेप 50-50 अंक की है। इस तरह कुल 200 अंकों की परीक्षा में से 160 अंक लाना आवश्यक है। दो पहिया के लिए 1 मिनट के टेस्ट में 50 में से 40 अंक लाना जरूरी है।
30 से 40 फीसदी हो रहे निराश जानकारी के अनुसार, आवेदकों को नई व्यवस्था रास नहीं आ रही है। आमतौर पर 50 से 60 आवेदक प्रतिदिन लाइसेंस टेस्ट के लिए आते हैं, लेकिन फिलहाल यह संख्या 25 से 30 के करीब रह गई है। इनमें भी 30 से 40 फीसदी आवेदक फेल हो रहे हैं।
घबराएं नहीं, देखें वीडियो टेस्ट शुरू होने से पहले आवेदकों को वीडियो दिखाया जा रहा है। 7 मिनट के वीडियो में टेस्ट कैसे देना है, इसकी सारी प्रक्रिया व आवश्यक दिशा निर्देश दिए बताए गए हैं।
इनका है कहना जिला परिवहन अधिकारी रजनीश विद्यार्थी के अनुसार प्रदेश में 11 शहरों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट लिया जा रहा है। कोटा में भी यह व्यवस्था शुरू की है। आवेदक हिचक के कारण गलती कर बैठते हैं। समय व नियमों को ध्यान दें तो कोई समस्या नहीं।