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लोक परिवहन बसें ज्यादा
करीब डेढ़ साल भर पहले सरकार ने लोक परिवहन बसों का परमिट निजी बस मालिकों को जारी किया था। इसमें प्रतिमाह 35 हजार रुपए टैक्स बस मालिक को जमा करवाना था, लेकिन परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते शहर से संचालित कई लोक परिवहन बसों का तो सिर्फ एक बार परमिट शुल्क जमा हुआ, उसके बाद से लगातार टैक्स बकाया चल रहा।
लोक परिवहन बसें ज्यादा
करीब डेढ़ साल भर पहले सरकार ने लोक परिवहन बसों का परमिट निजी बस मालिकों को जारी किया था। इसमें प्रतिमाह 35 हजार रुपए टैक्स बस मालिक को जमा करवाना था, लेकिन परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते शहर से संचालित कई लोक परिवहन बसों का तो सिर्फ एक बार परमिट शुल्क जमा हुआ, उसके बाद से लगातार टैक्स बकाया चल रहा।
केस-1 आरजे 20 पीए 9364 नंबर की बस पर मालिक पर 2 लाख 22 हजार 189 रुपए का टैक्स बकाया है। यह बस लोक परिवहन के परमिट पर प्रतिदिन बारां के दो चक्कर भी काट रही है।
केस-2 बस नंबर आरजे 20 पीबी 0203, मालिक पर परिवहन विभाग का करीब 1 लाख 84 हजार 265 रुपए टैक्स बकाया है, फिर भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
केस-3 आरजे 20 पीए 9365 नंबर की बस पर भी 2 लाख 22 हजार 189 रुपए का टैक्स बाकी है। बस प्रतिदिन कोटा से बारां पर मार्ग पर जा रही है, लेकिन परिवहन विभाग इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
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संचालन में भी मनमानी
नियमानुसार ऑल इंडिया परमिट जिस बस को जारी होता है, वह बस किसी पार्टी में एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रियों को लाने और छोडऩे का काम करती है, लेकिन निजी बस संचालक अन्य राज्यों में भी इन बसों को रूट परमिट की इस्तेमाल कर रहे, रास्ते भर से सवारियां चढ़ा-उतार रहे। परिवहन विभाग सबकुछ अनदेखा कर रहा।
संचालन में भी मनमानी
नियमानुसार ऑल इंडिया परमिट जिस बस को जारी होता है, वह बस किसी पार्टी में एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रियों को लाने और छोडऩे का काम करती है, लेकिन निजी बस संचालक अन्य राज्यों में भी इन बसों को रूट परमिट की इस्तेमाल कर रहे, रास्ते भर से सवारियां चढ़ा-उतार रहे। परिवहन विभाग सबकुछ अनदेखा कर रहा।
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लाखों का नुकसान
परिवहन विभाग मार्च माह में टैक्स वसूली पर पूरा फोकस करता है लेकिन इन बसों के मामले में हरकत में नहीं आता। ट्रक मालिकों से ही टैक्स वूसल कर टारगेट पूरे कर लेता है।
लाखों का नुकसान
परिवहन विभाग मार्च माह में टैक्स वसूली पर पूरा फोकस करता है लेकिन इन बसों के मामले में हरकत में नहीं आता। ट्रक मालिकों से ही टैक्स वूसल कर टारगेट पूरे कर लेता है।
यूं निभते हैं रसूखात
परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि इन बस संचालकों में से ज्यादातर राजनीतिक आयोजनों में भीड़ लाने ले जाने से भी जुड़े हैं।इस वजह से इन पर बकाया होने पर वसूली नहीं होती है। अरसे से शहर में यही परिपाटी है। विभाग को हर साल करोड़ों रूपए के राजस्व की हानि होती है। अधिकारी इन्हें परमिट व रोड टैक्स के लिए नोटिस जारी नहीं करते।
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बजरी से भरे दो डम्पर व ट्रक पकड़े इनका कहना-परिवहन विभाग बसों की नियमित चैंकिग करता है। जिन बसों के टैक्स बकाया है तो उन्हें जब्त भी करते हैं। अगर अभी भी बिना टैक्स दिए बसें चल रही हैं तो अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
-धर्मेन्द्र चौधरी, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, कोटा
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