पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
विस्टाडोम कोच रेलवे की नई पहल है, जो पर्यटन स्थलों की यात्रा को बेहद यादगार बनाने के मकसद से शुरू की गई है। इससे न केवल लोग प्रकृति के और करीब आएंगे, बल्कि भारतीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
विस्टाडोम कोच रेलवे की नई पहल है, जो पर्यटन स्थलों की यात्रा को बेहद यादगार बनाने के मकसद से शुरू की गई है। इससे न केवल लोग प्रकृति के और करीब आएंगे, बल्कि भारतीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
180 डिग्री पर घूम सकती हैं सीटें
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया ने बताया कि इस कोच में 44 सीट हैं। ये सीटें आरामदायक हैं। साथ ही पैर फैलाने के लिए भी काफी जगह है। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोग आराम से सफर कर सकते हैं। सीटों की चारों ओर घुमाया जा सकता है। कोच में यात्रियों के लिए मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया ने बताया कि इस कोच में 44 सीट हैं। ये सीटें आरामदायक हैं। साथ ही पैर फैलाने के लिए भी काफी जगह है। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोग आराम से सफर कर सकते हैं। सीटों की चारों ओर घुमाया जा सकता है। कोच में यात्रियों के लिए मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
तीन साइड में ग्लास के विंडो
विस्टाडोम कोच में तीन साइड में ग्लास के विंडो है। यह कोच पूरी तरह से पारदर्शी है। यह कोच जनशताब्दी एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगाया जाएगा ताकि घाटियों और वादियों का यात्री ट्रेन में बैठे-बैठे नजारा देखने के साथ ही उसे कैमरे में कैद कर सकेंगे।
विस्टाडोम कोच में तीन साइड में ग्लास के विंडो है। यह कोच पूरी तरह से पारदर्शी है। यह कोच जनशताब्दी एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगाया जाएगा ताकि घाटियों और वादियों का यात्री ट्रेन में बैठे-बैठे नजारा देखने के साथ ही उसे कैमरे में कैद कर सकेंगे।
तेजस कोच के बाद बड़ा आकर्षण तेजस कोचों के बाद विस्टाडोम कोच का बड़ा आकर्षण है। मुंबई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में स्मार्ट सुविधाओं के साथ तेजस कोसों का इस्तेमाल किया जा रहा है।