जेडीबी में छात्राएं ‘मुर्गी’ बनी, अंडे दिए! बंधुआ मजदूरी, सूचना का अधिकार, मनरेगा व महिला हिंसा से जुड़े मुद्दों पर दमदारी से आवाज उठाने वाली ग्यारसीबाई जिले के आदिवासी अंचल में सहरिया महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती थीं।
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लड़कियों पर फब्तियों कसने वालो को अब मिलेगा आक्रामक जवाब उन्हें कई मौकों पर सम्मानित किया जा चुका है। गत आठ मई को बारां में आयोजित कार्यक्रम में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक डॉ. गुलाब कोठारी ने भी ग्यारसीबाई को सम्मानित किया था।अमरीका में भी नाम हॉल ऑफ द फेम, सिविल सोसायटी की ओर से ग्यारसीबाई को स्त्री शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया। सत्यमेव जयते कार्यक्रम में अभिनेता आमिर खान ने उनका सम्मान किया। इसके अलावा अमरीका की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम द्वारा उन पर एक फिल्म का निर्माण किया। यह भी पढ़ें
कहीं आप तो नहीं है सूदखोरों की ना समझ गणित के शिकार ऐसे बढ़े कदमसंकल्प संस्था के महेश बिंदल ने बताया कि किशनगंज क्षेत्र के एक छोटे से गांव फल्दी की निवासी ग्यारसी बाई 1992 से आदिवासी अंचल में सहरिया व अन्य पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रही थीं। अभावों से जूझने के बावजूद वे पीछे नहीं हटीं। साक्षर ग्यारसी बाई पिछले काफी समय से कम्प्यूटर पर काम कर रही थी। उनकी प्रेरणा से कई बालिकाएं कम्प्यूटर ज्ञान पाने के लिए आगे आईं