६ माह में 444 लॉन्ग हॉल गाडि़यां दौड़ी
लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों में 58-58 वैगनों की दो मालगाडिय़ों को एक साथ मिलाकर 116 वैगनों की पूरी मालगाड़ी बनाई जाती है। इससे दो मालगाडिय़ों के पाथ के बजाय एक गाड़ी के पाथ में ही संचालन किया जा सकता है। पिछले छह महीनों पश्चिम मध्य रेलवे ने 444 लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों का संचालन किया गया।
लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों में 58-58 वैगनों की दो मालगाडिय़ों को एक साथ मिलाकर 116 वैगनों की पूरी मालगाड़ी बनाई जाती है। इससे दो मालगाडिय़ों के पाथ के बजाय एक गाड़ी के पाथ में ही संचालन किया जा सकता है। पिछले छह महीनों पश्चिम मध्य रेलवे ने 444 लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों का संचालन किया गया।
१७७ वैगन की त्रिशूल दौड़ी
त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दूरी की मालगाड़ी है। इसमें तीन मालगाडि़यां यानी 177 वैगन शामिल हैं। यह रेल 7 अक्टूबर 2021 को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद 8 अक्टूबर 2021 को गुंतकल मंडल के रायचूर से सिकंदराबाद डिवीजन के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और रेल को रवाना किया और इसे गरुड़ नाम दिया गया है। दोनों ही मामलों में लंबी दूरी की मालगाडि़यों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की लदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल थे।
त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दूरी की मालगाड़ी है। इसमें तीन मालगाडि़यां यानी 177 वैगन शामिल हैं। यह रेल 7 अक्टूबर 2021 को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद 8 अक्टूबर 2021 को गुंतकल मंडल के रायचूर से सिकंदराबाद डिवीजन के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और रेल को रवाना किया और इसे गरुड़ नाम दिया गया है। दोनों ही मामलों में लंबी दूरी की मालगाडि़यों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की लदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल थे।
यह लाभ होता है
लंबी दूरी की इन मालगाडि़यों के माध्यम से परिचालन में भीड़भाड़ वाले मार्गों पर पथ की बचत, शीघ्र आवागमन समय, महत्वपूर्ण सेक्शन में प्रवाह क्षमता को अधिकतम करना, चालक दल में बचत करना जैसे लाभ शामिल हैं।
लंबी दूरी की इन मालगाडि़यों के माध्यम से परिचालन में भीड़भाड़ वाले मार्गों पर पथ की बचत, शीघ्र आवागमन समय, महत्वपूर्ण सेक्शन में प्रवाह क्षमता को अधिकतम करना, चालक दल में बचत करना जैसे लाभ शामिल हैं।
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2015-16 में पश्चिम मध्य रेलवे ने सबसे पहले लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों का संचालन शुरू किया। इससे तेज गति से एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा माल यातायात का परिवहन किया जा सकता है। अधिक से अधिक रेलगाडिय़ों के संचालन के लिए पाथ मिल जाता है।
-राहुल जयपुरियार, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे
-राहुल जयपुरियार, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे