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मायावती ने दो पूर्व विधायकों पर गिराई गाज, सिद्दकी के करीबियों चुन-चुन कर रही बाहर

locationकानपुरPublished: Mar 01, 2018 10:52:43 am

Submitted by:

Vinod Nigam

पार्टी विरोधी गतिविधियों में थे लिप्त, कांग्रेस के साथ जा सकते हैं दिवाकर-कुशवाहा

पार्टी विरोधी गतिविधियों में थे लिप्त, कांग्रेस के साथ जा सकते हैं दिवाकर-कुशवाहा
कानपुर। लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती एक्शन में हैं और भीतरघात करने वालों को चुन-चुन कर बाहर कर रही हैं। पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन की करीबी व घाटमपुर विधानसभा के पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा और कमलेश दिवाकर को पार्टी विरोधरी गतिविधियों के चलते बसपा से बाहर कर दिया गया। दोनों नेता नसीमुद्दीन के करीबी बताए जा रहे हैं और जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। नव नियुक्त जिलाध्यक्ष राम शंकर कुरील ने बताया कि दोनों नेता पिछले कई माह से अनुशासनहीनत कर रहे थे। इन्हें कई बार चेताया गया पर नहीं माने, जिसके चलते पार्टी सुप्रीमो के आदेश के बाद इन्हें बसपा से निकाल दिया गया।
चेतावनी के बाद भी सिद्दी के साथ
विधानसभा चुनाव 2017 में पार्टी की करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सेकेंड हैंड को बाहर कर दिया। इसी के बाद से पूर्व मंत्री के करीबियों पर मायावती की कार्रवाई जारी है। सलीम अहमद, मोहम्मद वसीक के बाद बुधवार की देरशाम घाटमपुर से विधायक रहे आरपी कुशवाहा को बाहर कर दिया गया। साथ ही पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर का बसपा से पत्ता काट दिया गया। नव नियुक्त जिलाध्यक्ष राम शंकर कुरील ने बताया कि पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर और आरपी कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इन दोनों पूर्व विधायकों के अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की रिपोर्ट मिली थी। जांच कराने पर आरोप सही निकले।
घाटमपुर से चुने गए थे विधायक
आरपी कुशवाहा कभी मायावती के खासे करीबी माने जाते थे। 2007 विधानसभा चुनाव कुशवाहा घाटमपुर से लड़े और विधायक चुने गए। 2012 में इन्होंने बिठूर से लड़ने की बात पार्टी हाईकमान से कही। पार्टी ने इन्हें बिठूर से चुनाव लड़ाया, लेकिन सपा के मुनीद्र शुक्ला से महज सात सौ मतों से कुशवाहा चुनाव हार गए। 2017 में इन्हें दोबारा बिठूर से चुनाव लड़ने का मौका मिला, पर अभिजीत सिंह सांगा के चलते इन्हें करारी हार उठानी पड़ी। इसी के बाद से कुशवाहा बसपा से दूरियां बना ली और नसीमुद्दीन के साथ दिखने लगे। सिद्दकी के बाहर किए जाने के बाद कुशवाहा खुलकर पूर्व मंत्री के पक्ष में बोले। जानकारों का कहना है कि कुशवाहा जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
दिवाकर भी पूर्व मंत्री के करीबी
बिल्हौर विधानसभा से विधायक चुने गए कमलेश दिवाकर की बसपा में खासा रूतबा था। दो चुनाव हारने के बाद इनकी पार्टी में इनकी ज्यादा पकड़ नहीं रही। सिद्दकी के करीबी होने के चलते मायावती ने इन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया। नव नियुक्त जिलाध्यक्ष राम शंकर कुरील ने बताया कि दोनों को कई बार चेतावनी दी गई लेकिन कोई सुधार नहीं आया। इस वजह से दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया है। बसपा में किसी भी कीमत पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुरील ने बताया कि अभी कई भीतरघातियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। जो पूरी इमानदारी और निष्ठा से कार्य करेगा वही बसपा में रहेगा।
पूर्व मंत्री की भी छुट्टी
बहुजन समाज पार्टी की नई जिला और नगर कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है। राम शंकर कुरील को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान बसपा की नगर इकाई के अध्यक्ष अनंत कुमार मिश्र ‘अंटू’ को हटाकर सुरेंद्र कुशवाहा को नगर अध्यक्ष बनाया गया है। जिला उपाध्यक्ष सुनील शुक्ला, जिला महासचिव नत्थू लाल दिवाकर, जिला सचिव मोहम्मद इमरान और जिला कोषाध्यक्ष योगेंद्र कुशवाहा को बनाया गया है। बहुजन वांलेटियर फोर्स का जिला संयोजक गिरधारी लाल और रामआसरे कठेरिया को बनाया गया है। नगर संगठन में उपाध्यक्ष हमजा रजा, महासचिव अरविंद वाल्मिकी, सचिव अरुण मिश्रा और कोषाध्यक्ष जय प्रकाश सोनकर को बनाया गया है।

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