सामान्यतौर पर सड़क निर्माण के बाद निश्चित अवधि तक ठेकेदार फर्म की ओर से सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है, लेकिन इसके बाद भी न्यास की ओर से हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। बारिश खत्म होते ही सड़कों की मरम्मत होती है। इसके अलावा जब भी शहर में मुख्यमंत्री या राज्यपाल का आगमन होता है तो न्यास लाखों रुपए रातों रात खर्च कर देता है।
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पिछले तीन सालों की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में न्यास ने सड़कों के रखरखाव पर होने वाली राशि में इजाफा किया है। इसी साल चुनाव भी होने हैं। इस बार गैर योजना क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव पर 68 करोड़ 23 लाख 41 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी तरह योजना क्षेत्र की सड़कों के रखरखाव पर इस साल 46 करोड़ 15 लाख 66 हजार रुपए खर्च किया जाना प्रस्तावित है, जो पिछले सालों की तुलना में अधिक है।
पिछले तीन सालों की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में न्यास ने सड़कों के रखरखाव पर होने वाली राशि में इजाफा किया है। इसी साल चुनाव भी होने हैं। इस बार गैर योजना क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव पर 68 करोड़ 23 लाख 41 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी तरह योजना क्षेत्र की सड़कों के रखरखाव पर इस साल 46 करोड़ 15 लाख 66 हजार रुपए खर्च किया जाना प्रस्तावित है, जो पिछले सालों की तुलना में अधिक है।
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बढ़ा है रखरखाव का खर्च
नई सड़कें बनती हैं तो निश्चित अवधि तक गारंटी पीरियड में रखी जाती हैं। अवधि में ठेकेदार फर्म ही सड़कों का रखरखाव करती है। रखरखाव के लिए जो बजट होता है, वह गारंटी पीरियड के अलावा सड़कों पर खर्च किया जाता है। हर साल नई सड़कें बनती हैं और पीडब्ल्यूडी की सड़कें भी न्यास के हस्तांतरित हुई हैं। इसलिए रखरखाव का खर्च भी बढ़ा है।
-ए.एल. वैष्णव, सचिव, नगर विकास न्यास
बढ़ा है रखरखाव का खर्च
नई सड़कें बनती हैं तो निश्चित अवधि तक गारंटी पीरियड में रखी जाती हैं। अवधि में ठेकेदार फर्म ही सड़कों का रखरखाव करती है। रखरखाव के लिए जो बजट होता है, वह गारंटी पीरियड के अलावा सड़कों पर खर्च किया जाता है। हर साल नई सड़कें बनती हैं और पीडब्ल्यूडी की सड़कें भी न्यास के हस्तांतरित हुई हैं। इसलिए रखरखाव का खर्च भी बढ़ा है।
-ए.एल. वैष्णव, सचिव, नगर विकास न्यास