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जानकारी के अनुसार कैशवपुरा स्थित टीटी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. आरपी शर्मा ने फर्जी कंपनी बनाकर परिजनों को शेयर होल्डर बनाया था। इस मामले में वर्ष 2003 में जयपुर एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए कोटा में उनके हॉस्टिल पर छापा मारा।
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एसीबी ने डॉ. शर्मा की कम्पनी व हॉस्पिटल से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। जिसमें सामने आया कि आरोपितों ने अवैध रूप से फर्जी कम्पनी बनाकर 35 लाख रुपए अर्जित किए। इस मामले में एसीबी ने डॉ. आरपी शर्मा, पत्नी मोहिनी शर्मा, ससुर तेजकरण, सास चंद्रकांता सहित तीन अन्य आरोपितो को गिरफ्तार कर एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां से डॉक्टर दम्पति सहित पांच जनों को जेल भेज दिया गया। जबकि ससुर और सास को जमानत पर छोड़ दिया गया।
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