scriptworld record…फुटबॉल को उंगली पर ऐसा घुमाया, 12 साल के नक्षत्र ने रिकॉर्ड बनाया | Twisted football on the finger like this, 12-year-old Nakshatra made a | Patrika News

world record…फुटबॉल को उंगली पर ऐसा घुमाया, 12 साल के नक्षत्र ने रिकॉर्ड बनाया

locationकोटाPublished: Jun 23, 2021 10:28:38 am

कमाल का हुनर : 1 मिनट 8 सेकंड के महाराष्ट्र के आदित्य सुनील जादव के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ 2 मिनट 15 सेकंड तक घुमाया
 

world record...फुटबॉल को उंगली पर ऐसा घुमाया, 12 साल के नक्षत्र ने रिकॉर्ड बनाया

world record…फुटबॉल को उंगली पर ऐसा घुमाया, 12 साल के नक्षत्र ने रिकॉर्ड बनाया

झालरापाटन. नगर के वार्ड गिंदौर निवासी नक्षत्र शर्मा ने साबित कर दिया कि मन में सोच लिया जाए तो कोई काम असंभव नहीं है। यकीन मानिए 12 साल 5 महीने और 13 दिन के नक्षत्र को 6 माह पहले यह नहीं पता था कि फुटबॉल को उंगली पर किस प्रकार घुमाया जाए लेकिन कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन में जब बड़े भाई आयुष शर्मा से चैलेंज मिला तो नक्षत्र ने मन में ठान लिया कि अब तो मैं यह करके ही रहूंगा। इसके बाद शुरू हुआ अभ्यास का सिलसिला। 3 माह के अथक प्रयास से नक्षत्र ने फुटबॉल को उंगली पर घुमाना शुरू किया। परन्तु बहुत समय तक नहीं घुमा पाया। बड़े भाई ने हौसला बढ़ाते हुए उससे कहा कि पहले भी तूने वल्र्ड रिकॉर्ड बना रखा है। इसका भी एक वल्र्ड रिकॉर्ड लोंगेस्ट स्पीनिंग ऑफ ए फुटबॉल ऑन इन्डेक्स फिंगर बाई ए टीन एजर है, जो कि औरंगाबाद महाराष्ट्र के 15 वर्षीय आदित्य सुनील जादव ने 1 मिनट 8 सेकंड में पूरा कर उसके नाम दर्ज कराया है। यदि तुम इससे अधिक समय तक अपनी उंगली पर फुटबॉल को घुमाते हो तो यह रिकॉर्ड टूट सकता है। बस फिर क्या था नक्षत्र को वल्र्ड रिकॉड बनाने का जुनून चढ़ गया। सुबह, दोपहर, शाम, रात जब समय मिलता बस उसकी एक ही धुन थी कि फुटबॉल हाथ में ली और उंगली पर घुमाना शुरू किया। धीरे-धीरे स्पिनिंग का समय बढ़ता गया। उसके बाद मोबाइल में स्टॉपवॉच चालू कर अभ्यास करना शुरू किया। कहावत है कि करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान उसी का अनुसरण करते हुए न सिर्फ नक्षत्र ने उंगली पर फुटबॉल को घुमाना सीखा बल्कि 1 मिनट 8 सेकंड के पुराने विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर फुटबॉल को अपने राइट हैंड के इंडेक्स फिंगर पर 2 मिनट 15 सेकंड तथा 28 मिली सेकंड तक घुमाकर विश्व कीर्तिमान रच डाला। नक्षत्र के पिता पवन शर्मा ने इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स एफिलेटेड बाय एशिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स में दर्ज कराया है। पिछले वर्ष भी नक्षत्र ने स्क्वायर रूट टू के 6210 विजिट याद कर के रिकॉल कर मेमोरी कैटेगरी में इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज कराया था। नक्षत्र ने कोराना काल में अथक परिश्रम कर यह रिकॉर्ड बनाया।
अपनी सफलता के बारे में वे बताते हैं कि दादा-दादी तथा नाना-नानी के आशीर्वाद तथा सबके सहयोग से मैं यह कर पाया। उसके पिता पवन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दुबलिया में राजनीति विज्ञान के व्याख्याता है। माता वंदना शर्मा ग्राम सेमली में प्रधानाध्यापिका है। पवन का कहना है कि नक्षत्र एक दिन ना सिर्फ परिवार का बल्कि पूरे झालावाड़ जिले का नाम रोशन करेगा। नक्षत्र की तरह कर बालक कड़ी मेहनत और परिश्रम से कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। माता पिता अपने बच्चे की प्रतिभाओं को तराशने में कोई कसर नही छोड़ें।
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