scriptधोखाधड़ी के दो आरोपितों को 3-3 साल की सजा | Two accused punished in fraud sentence for 3-year | Patrika News

धोखाधड़ी के दो आरोपितों को 3-3 साल की सजा

locationकोटाPublished: May 15, 2018 06:56:35 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

गुमानपुरा थाना क्षेत्र के 33 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने दो आरोपितों को 3-3 साल साधारण कारावास व 40-40 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया

fraud in kota
कोटा . गुमानपुरा थाना क्षेत्र के 33 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने दो आरोपितों को 3-3 साल साधारण कारावास व 40-40 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। जबकि एक महिला आरोपित को दोषमुक्त कर दिया। इसी मामलीे में एक महिला आरोपित फरार चल रही है और एक आरोपित की मृत्यु होने से उसके खिलाफ कार्यवाही ड्रॉप कर दी गई।
Breaking News: साध्वी क्षुल्लिका विवर्ध मति का समाधिपूर्वक मरण


बृजराजपुरा निवासी मोहम्मद राशिद ने 1985 में शॉपिंग सेंटर स्थित मधु एजेंसीज की पार्टनर मधु चावला, विमला पारीक, प्रकाश बाबू पारीक व परबंधक शरद कुमार शर्मा और राजस्थान वित्त निगम कोटा के शाखा प्रबंधक गोविंद सिंह राजावत के खिलाफ अदालत में परिवाद पेश किया था।
यह भी पढ़ें

शनि अमावस्या : 400 वर्ष पुराने शनि मंदिर की कुछ तस्वीरे


जिसमें कहाथा कि उसने कंफेशनी फैक्ट्री लगाने के लिए राजस्थान वित्त निगम से 5 सितम्बर 1985 को 24400 रुपए का ऋण स्वीकृत कराया था। निगम ने उसे 3 कोटेशन लाने को कहा। वह इस संबंध में निगम के शाखा प्रबंधक गोविंद सिंह राजावत से मिला तो उन्होंने शॉपिंग सेंटर स्थित मधु एजेंसीज पर जाने को कहा।
वहां जाने पर उसे तलवंडी निवासी प्रकाश बाबू पारीक मिला। जिसने उसे तीन कम्पनियों के कोटेशन दिए। जिसमें सबसे कम 29500 रुपए का कोटेशन मधु एजेंसीज का होने से उसे टेंडर दिया गया। उसने 5300 रुपए नकद जमा करवाकर शेष 24400 रुपए का चेक दे दिया। लेकिन एजंीसी ने उसे मात्र 2100 रुपए की दो मशीनें दी। शेष मशीनें देने के लिए प्रकाश पारीक टालमटोल करता रहा।
वह जब निगम प्रबंधक गोविंद सिंह से मिला तो उन्होंने भी फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर दिया कि फैक्ट्री में सभी मशीनें लग चुकी हैं जबकि मशीनें तो लगी ही नहीं थी। तकाजा रने पर प्रकाश बाबू ने उसे कुछ रकम लौटा दी। लेकिन सभी ने मिलीभगत कर षड्यं़त्र पूर्वक उससे 18145 रुपए की धोखाधड़ी कर हड़प लिए।
इस परिवाद पर अदालत के आदेश से सभी के खिलाफ 1987 में गुमानपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। करीब 33 साल पुराने इस मामले में एसीजेएम क्रम दो अदालत ने आरोपित प्रकाश बाबू पारीक व शरद कुमार शर्मा को फर्जी दस्तावेज से मिलीभगत कर धोखाधड़ी का दोषी मानते हुए 3-3 साल साधारण कारावास और 40-40 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
जबकि विमला पारीक दो दोषमुक्त कर दिया। मधु चावला के 21 जुलाई 2006 से फरार होने से उसे मफरूर घोषित किया गया। जबकि गोविंद सिंह राजावत की 18 फरवरी 2011 को मृत्यु होने से उनके खिलाफ कार्यवाही ड्रॉप की गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो