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अब नहीं फटेंगे सड़क पर फर्राटा भरती गाड़ियों के टायर, इस तकनीकी से बचाई जाएंगी लाखों जानें

locationकोटाPublished: May 20, 2019 10:44:08 pm

Submitted by:

​Vineet singh

हाईवे पर फर्राटा भरती कारों को टायर फटने से आए दिन होने वाले हादसों पर अब लगाम लग सकेगी। टायर फटने से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए अब गाडियों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) लगाना अनिवार्य होगा। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने इस सिस्टम के सुरक्षा मानक जारी कर दिए हैं।

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कोटा.

टायर फटने से होने वाली दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने एआरएआई पूने की निदेशक उर्धवारिषी की अध्यक्षता में स्थाई ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टेंडर्ड कमेटी का गठन किया था। इसने सिस्टम डवलपमेंट, टेस्टिंग और सिंबल निर्धारण और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एआरआईए के एए बडुशा की अध्यक्षता में ११ सदस्यीय टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम कमेटी गठित की। दो साल तक चले शोध और परीक्षणों के बाद टीपीएमएस कमेटी ने जुलाई 2016 में सभी वाहनों में इस हाईटेक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाने की सिफारिश सरकार से कर दी। शोध के नतीजे इतने कारगर थे कि परिवहन मंत्रालय ने नई व्यवस्था को लागू करने के लिए टीपीएमएस नोटिफिकेशन का ड्राफ्ट जारी कर 22 दिसंबर 2018 तक सभी स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांग लिए।
अप्रेल में जारी हुए सेफ्टी स्टेंडर्ड

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इन सुझावों को अंतिम रूप दे टायर प्रोटेक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य करता, उससे पहले लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हो गई। हालांकि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अप्रेल 2019 में किस तरह के टायरों के साथ कौन सा टीपीएमएस लगाया जाना है, इस बाबत ऑटोमोटिव इंडस्ट्रीज स्टेंडर्ड (एआईएस-154) जारी कर दिए।
कार निर्माता कंपनियों ने लिया हाथों हाथ

कार निर्माता कंपनियों को लोगों की सुरक्षा का यह इंतजाम इतना कारगर लगा कि उन्होंने इसे हाथों हाथ ले ऑप्सनल एक्सेसरीज के तौर पर मुहैया कराना शुरू कर दिया। जगुआर और बीएमडब्ल्यू जैसी मंहगी कार निर्माता कंपनियां तो अब गाड़ियां बनाते समय ही टायर टायर प्रोटेक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने लगी हैं। जबकि मारूती और टोयोटा जैसी कंपनियां स्विफ्ट, डिजायर, ब्रेजा और एवेंडर जैसी कारों में ऑप्शनल एक्सेसरीज के तौर पर टीपीएमएस सिस्टम इंस्टॉल करने लगी हैं। हालांकि वह इसके लिए करीब 13 हजार रुपए अतिरिक्त चार्ज कर रही हैं, लेकिन कोटा के आरटीओ प्रकाश सिंह राठौर उम्मीद जताते हैं कि जैसे ही सरकार इस सिस्टम को अनिवार्य कर देगी तो सभी कारों में कंपनी से लगकर ही आएगा।
ऐसे करती है काम जीवन रक्षक प्रणाली

टायर प्रेशर मॉनीटरिंग सिस्टम में पांच सेंसर और एक बॉक्सनुमा डिस्प्ले शामिल है। वॉल्वनुमा चार सेंसर पहियों में लगाए जाएंगे, जबकि एक सेंसर इंजन में। टायर में लगे सेंसर हवा का दवाब, टेम्प्रेचर, कट, पंचर या किसी भी दूसरी तरह की खराबी पकड़ते हैं। जबकि पांचवां सेंसर इंजन पर पडऩे वाले दवाब की जानकारी देगा, ताकि दुर्घटना की संभावना होने पर चालक वाहन रोक कर खामी ठीक कर सके।
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