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मंत्री धारीवाल ने दिए केईडीएल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के आदेश, 60 करोड़ के बिजली बिल में मिली गड़बडिय़ां

locationकोटाPublished: Dec 02, 2019 04:35:38 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

UDH Minister Dhariwal, KEDL, CESC, Private Power Companies : मंत्री के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने यूआईटी, नगर निगम व आवासन मंडल के अधिकारियों को कोटा में केडीएल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

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मंत्री धारीवाल ने दिए केईडीएल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के आदेश, 60 करोड़ के बिजली बिल में मिली गड़बडिय़ां

कोटा. कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) ( Electricity Distribution Limited KEDL ) द्वारा नगर निगम, ( Kota Nagar Nigam ) नगर विकास न्यास ( kota UIT ) और आवासन मण्डल ( Kota Housing Board ) कार्यालयों में भेजे गए 60 करोड़ के बिजली के बिलों में गंभीर लापरवाही सामने आई है। स्वायत्त शसन मंत्री शांति धरीवाल ( UDH Minister Shanti Dhariwal ) के निर्देश पर डीएलबी के मुख्य अभियंता (विद्युत) ने जब इन बिलों की जांच करवाई तो यह भारी भरकम बिल अनाधिकृत मिले। बिल में गंभीर लापरवाही व गड़बडिय़ां सामने आई है। केडीएल के इस रवैये पर मंत्री धारीवाल ने नाराजगी जताई है।
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स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक उज्ज्वल राठौड़ ने मंत्री के निर्देश पर यूआईटी सचिव, नगर निगम आयुक्त एवं आवासन मंडल के उपायुक्त को कोटा में केडीएल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि एक पखवाड़े पहले केडीएल ने 60 करोड़ का बिजली का बिल इन कार्यालयों में भेजे थे। यह मामला नगरीय विकास एवं स्वायत्त शसन मंत्री शांति धरीवाल के समक्ष पहुंचा तो वे भी बिल की राशि देख चौंक गए और उन्होंने डीएलबी के मुख्य अभियंता (विद्युत) को शिकायत पत्र भेजकर जांच करवाने को कहा था।
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डीएलबी की निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्ज्वल राठौड़ ने निगम आयुक्त, न्यास सचिव तथा आवासन मण्डल कोटा के उप आयुक्त को पत्र भेजकर केईडीएल द्वारा करोड़ों रुपए का अनाधिकृत एवं अधिक बिल भेजने की संयुक्त रूप से जांच करवाने को कहा। जांच होने तक केईडीएल का 60 करोड़ का भुगतान तत्काल रोकने के निर्देश दिए गए थे।
धारीवाल के शिकायत पत्र पर डीएलबी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विद्युत) ने तीनों विभागों के अधिकारियों के साथ जांच करवाई तो केईडीएल द्वारा दिए गए बिजली बिलों में बड़ी गड़बड़ी मिलना सामने आया है।
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ने वर्ष 2016-17 से कोटा में कार्यरत है। इस कम्पनी के आने के बाद निगम का कोटा का वर्ष 2016-17 से सितम्बर 2019 तक करीब 60 करोड़ राशि के रोड लाइट के बिल दिए गए हैं। यह बिल निगम, न्यास और आवासन मण्डल के अधीनस्थ रोड लाइटों के हैं। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने कोटा के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच की तो पाया कि रोड लाइटों के बिल की राशि वास्तविकता से अधिक है। इस रिपोर्ट के आधार पर डीएलबी निदेशक ने तीनों विभागों के अफसरों को केडीएल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

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