इसके बाद भी राज्य सरकार को कई निकायों में मौका रिपोर्ट के नाम पर काम अटकाने की शिकायतें मिली। इस आदेश के बाद भी आमजन को घूसखोरी से मुक्ति नहीं मिली। इस कारण आवेदकों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे थे। वहीं पत्रवाली निकालने के लिए भ्रष्टाचार होने की शिकायतें भी मिल रही थी। अब राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि इस आदेश की अवेहलना कर मौके पर जाने वाले और मौके पर भेजने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
यह है आदेश नाम हस्तांतरण, लीजडीड निष्पादन, विक्रय स्वीकृति और रहन अनापत्ति प्रमाण जारी करने के लिए मौका निरीक्षण नहीं कराया जाएगा। केवल दस्तावेजों के आधार पर आवेदन मिलने के सात दिन में कार्य निष्पादन करना होगा। कोटा नगर विकास न्यास को यह आदेश मिलने के बाद न्यास सचिव राजेश जोशी ने मंगलवार को इसकी सख्ती से पालना करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किए।
आदेश की नहीं हो रही थी पालना इससे पहले गत 24 सितम्बर 2020 को भी नगरीय विकास विभाग ने यह आदेश जारी किया था कि 8 जनवरी 2020 को मौका निरीक्षण नहीं करने के आदेश जारी किए जाने के बाद भी मौका निरीक्षण कराया जा रहा है। मौका देखने जाने वाले और भेजने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार गत 26 नवम्बर 2020 को दुबारा आदेश जारी कर मौकादेखने जाने वाले और भेजने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।