कोटा

खुद की योजनाएं बदहाल, गैर अनुमोदित में बहाएंगे पैसा

वाह रे नगर विकास न्यास दस से अधिक योजनाओं के विकास के लिए धन नहीं

कोटाJun 14, 2018 / 04:24 pm

shailendra tiwari

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कोटा. नगर विकास न्यास ‘खुद का पूत तरसे, पराए को घी का थाल परोसे’ की तर्ज सरकारी धन को गैर अनुमोदित कॉलोनियों के विकास पर खर्च करने का आमादा है। पिछले सालों में नगर विकास न्यास की ओर से 10 से ज्यादा बड़ी आवासीय योजनाएं लांच की हैं, लेकिन इनके विकास पर न्यास का ध्यान नहीं। नदी पार क्षेत्र में ही वर्ष 2011 में कुन्हाड़ी क्षेत्र में डेढ़ हजार से ज्यादा भूखंडों की मोहनलाल सुखाडि़या आवासीय योजना अब भी विकास को तरस रही। न पेयजल व्यवस्था है न ही पूरी तरह सड़कों का निर्माण हो पाया। पार्क भी मूर्त रूप नहीं ले सके। कॉलोनी में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा। लाखों रुपए में खरीदे भूखंडों में बारूद लगाकर गहरे गड्ढे कर दिए गए, लेकिन न्यास ने रोकथाम तक की कार्रवाई नहीं की गई। हालत एेसी कि कोई भी मकान बनाकर यहां नहीं रह सकता।
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रानपुर क्षेत्र की आवासीय योजना, मुकुंदरा विहार सहित कई योजनाएं अभी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही हैं। राजीव आवास योजना के तहत करीब डेढ़ हजार आवास बनाए हैं, लेकिन न्यास को उनकी लॉटरी तक निकालने की फुर्सत नहीं है। जानकारों का कहना है कि न्यास की योजनाओं में भी आम लोगों ने अपनी गाढ़े पसीने की कमाई का पैसा लगाया है। ऐसे में उन्हें भी प्राथमिकता से सुविधाएं दी जानी चाहिए।
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कराएंगे विकास कार्य
न्यास की ओर से विकसित की गई योजना में भी विकास कार्य कराए जाएंगे। उन कॉलोनियों के लिए भी बजट में प्रस्ताव लिए हैं। पेयजल के लिए भी योजना बनाई जा रही है।
आर.के. मेहता, अध्यक्ष, यूआईटी

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