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कोचिंग स्टूडेंट्स के तीखे सवालों से उमा भारती को एसी में आ गए पसीने…पढि़ए क्‍या थे वो सवाल…

locationकोटाPublished: Jun 17, 2017 10:47:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

हमारा देश दो मामलों में ख्याति प्राप्त था। एक जनसंख्या और दूसरा भ्रष्टाचार। स्थिति यह थी कि कोई अधिकारी सोच ले कि वो कभी रिश्वत नहीं लेगा तो उसके बारे में धारणा बन जाती थी कि वो पैसे नहीं लेगा तो काम भी नहीं करेगा।

हमारा देश दो मामलों में ख्याति प्राप्त था। एक जनसंख्या और दूसरा भ्रष्टाचार। स्थिति यह थी कि कोई अधिकारी सोच ले कि वो कभी रिश्वत नहीं लेगा तो उसके बारे में धारणा बन जाती थी कि वो पैसे नहीं लेगा तो काम भी नहीं करेगा। 
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ऐसा ही दहेज प्रथा में है कि लड़के वाले पैसा नहीं मांगे तो लड़की वालों को शक हो जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है। यहां बैठी सभी लड़कियां इस बात का प्रण लें कि जो लड़का दहेज मांगेगा, वो उससे शादी नहीं करेंगी, क्योंकि पैसा देकर पति नहीं, गुलाम खरीदा जाता है। लड़के अपने माता-पिता को बोलते हैं कि आप नहीं जानते कि जस्टिन बीबर क्या होता है, लेकिन दहेज का मामला आता है तो बोलते हैं कि जो आपको अच्छा लगे करो। 
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यदि जमाने के हिसाब से सोच बदली है तो दहेज के मामले में भी बदलो। यह कहना था जल संसाधन मंत्री उमा भारती का। वे शुक्रवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में कोचिंग सिटी से स्टूडेंट्स को संबोधित कर रही थी। 
पीयूष चौहान : भारत अपने होनहार इंजीनियरों को यहां रोकने का प्रयास क्यों नहीं करता?

उमा: मुझे नहीं लगता कि कोई विदेश इसलिए जाता है कि उसे विदेश अच्छा लगता है। वो इसलिए जाता है कि वहां उसके काम का सम्मान होता है। भारत में पहली बार इस तरह के प्रयास हो रहे हैं। 
इसरो रोजाना कोई ना कोई एक्सपीरिमेंट कर रहा है। वरना पहले हालात यह थे कि देश के वैज्ञानिक एवं इंजीनियर आत्महत्या तक कर रहे थे। यदि भारत में युवाओं को पैरों पर खड़ा होने का मौका मिलेगा तो वो क्यों विदेश जाएगा। सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। 
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रवि महावर : हम प्रारंभ से अंत तक ऊर्जा का संचार कैसे बनाए रख सकते हैं?

उमा: इसके लिए जरूरी है अपने शरीर की तासीर के अनुसार भोजन करना। भोजन का जीवन की ऊर्जा पर सबसे बड़ा प्रभाव होता है। दूसरा अपने शरीर को एक्टिव बनाए रखना और तीसरा है अपने मन को प्रसन्न रखना। जब भी उदासी महसूस हो तुरंत कमरा छोड़ दीजिए।
मयंक : भारत को पाकिस्तान के साथ कैसी नीति अपनानी चाहिए

उमा : भारत और पाकिस्तान कभी एक थे। विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, जो गलत था, क्योंकि जीवन मूल्य तो एक थे। भारतीय मुस्लिम आबादी का सिर्फ ढाई प्रतिशत भारत में रह गए, क्योंकि उन्हें एेसा लगा कि हिन्दुस्तान में हिन्दू के साथ खतरा नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में मुस्लिम को मुस्लिम के साथ खतरा था। वो जानते थे कि हिन्दुस्तान से अच्छा देश व इससे अच्छा पड़ोसी कोई नहीं हो सकता। जब जम्मू कश्मीर में बाढ़ आई तो पाकिस्तान में भी आई। नवाज शरीफ ने तो उस समय भी कश्मीर का मुद्दा उठाया, लेकिन हमारे पीएम ने उस समय कहा कि बाढ़ का मुद्दा उठाओ। बताओ किसे बचाना है? हमारे जवान तुम्हारे लोगों को भी बचा लाएंगे।
विवेक बंसल : नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर किस प्रकार प्रहार हुआ है?

उमा : देश में पहली बार एेसा हुआ जब अर्थव्यव्स्था में भारी परिवर्तन हुआ है और लोग उस परिवर्तन में सरकार के साथ खडे़ दिखाई दिए। जनता से इस परिवर्तन का एेसा स्वागत किया कि लोग अपने काले धन को बैंकों में रखने को मजबूर हो गए। 
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राजेन्द्र : भारतीय शिक्षा नीति में राष्ट्रवाद और राष्ट्रभाषा को किस तरह प्राथमिकता मिलनी चाहिए?

उमा: राष्ट्रवाद शिक्षा में तो है, लेकिन वास्तव में यह माता-पिता और संस्कारों से आता है। रही बात राष्ट्रभाषा की तो इसे जबर्दस्ती किसी पर थोपना नहीं चाहिए। हिन्दी भाषा का स्वागत होना चाहिए। इसको किसी राज्य के लोगों पर थोपना गलत है। 
मुझे पता होता यहां गाकर पढ़ाते हैं तो मैं भी यहीं पढ़ती 

कार्यक्रम के दौरान एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविंद माहेश्वरी व रेजोंनस इंस्टीट्यूट के निदेशक आरके वर्मा ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए तो उमा भारती ने कहा कि मुझे पता होता कि यहां गाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है तो मैं भी यहीं से पढ़ाई करती। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने एम्स की टॉपर निशिता पुरोहित का दुप्पटा ओढ़ाकर अभिनंदन किया। इस दौरान सांसद ओम बिरला व कॅरियर प्वाइंट के ओम माहेश्वरी भी मौजूद रहे।
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