घूस के लिए करते थे वाट्सऐप कॉल
सूचना सहायक व दलाल के खिलाफ चालान पेश
- सहायक कलक्टर (मुख्यालय), लाडपुरा उपखण्ड अधिकारी व नायब तहसीलदार के खिलाफ अनुसंधान लम्बित

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) बारां ने सोमवार को एसीबी कोर्ट में घूस के मामले में लाडपुरा उपखण्ड अधिकारी केसूचना सहायक व दलाल के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। जबकि आरोपी सूचना सहायक दीपक रघुवंशी तथा रिश्वत मामले में संदिग्ध भूमिका के मामले में सहायक कलक्टर मुख्यालय बाल कृष्ण तिवारी, लाडपुरा उपखण्ड अधिकारी दीपक मित्तल तथा मंडाना के नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी के खिलाफ अनुसंधान पेंडिंग रखा गया है। अनुसंधान अधिकारी व बारां एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपालसिंह कानावत ने बताया कि परिवादी किसान हेमराज ने 4 फ रवरी को एसीबी कोटा में एक परिवाद दिया था कि ग्राम गोपालपुरा बीलखेड़ी में उनकी पैतृक कृषि भूमि है। उसके चचेरे भाई जमुनालाल ने वर्ष 2009 में विभाजन का वाद अन्य खातेदारों के विरुद्ध न्यायालय सहायक कलक्टर मुख्यालय कोटा में लगाया था, जिसका फैसला 1 फ रवरी को आना था। गांव का ही बलराम मीणा उससे मिला और पक्ष में फैसला करवाने के लिए सूचना सहायक एकांत से मिलवाया। दोनों ने चार लाख रुपए की घूस की मांग की। जमीन के मुआवजे संबंधित मामले में सूचना सहायक एकांत और दलाल बलराम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन एसीएम कार्यालय के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी को भनक लगने पर वह फरार हो गया था। सत्यापन के दौरान दलाल बलराम ने फरियादी से दस हजार रुपए की घूस ली। एसीबी ने दलाल के फोन से सूचना सहायक एकांत को वाट्सऐप कॉल करवाया तो उसने रुपए लेकर अपने घर बुलाया। यहां एसीबी ने उसे भी पकड़ लिया। एएसपी ने बताया कि एकांत और रघुवंशी के बीच वाट्सऐप कॉल पर बात हुई। इसमें रघुवंशी ने सहायक कलक्टर मुख्यालय को जमीन के फैसले के संबंध में रिश्वत देने की स्वीकारोक्ति की है। तीनों अधिकारियों की घूस मामले में संदिग्ध भूमिका में अनुसंधान किया जा रहा है।
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