इस मौके पर कुलाधिपति ने कहा कि कोरोना संकट के समय आज की शिक्षा बदलाव के दौर से गुजर रही है और ऐसे में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है, जो विद्यार्थी को सही राह दिखाएं। विज्ञान तकनीक और कौशल विकास का क्षेत्र बहुत बड़ा है और विवि में ये केन्द्र खुलने से युवा पीढ़ी को नवाचारों के जरिए रोजगार के नए अवसर मिल सकेंगे। संविधान के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए, जिससे लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराया जा सके। इसी कड़ी में संविधान उद्यान की स्थापना का अपना महत्व है।
मिश्र ने खुला विवि कुलपति प्रो. आरएल गोदारा और पूरे विवि परिवार को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ाई के अलावा प्रशिक्षण का अपना महत्व है और वीएमओयू इसके लिए बड़े मनोयोग से कार्य कर रहा है। प्रवासियों के मुद्दों पर आज के परिवेश में मंथन होना चाहिए। उन्होंने कोरोना संकट के समय खुला विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अकादमिक प्रयासों की सराहना की तथा स्थापना दिवस की बधाई दी।
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने भी विवि परिवार को बधाई और शुभकामनाएं दीं। विवि के कुलपति प्रो आरएल गोदारा ने कहा कि वीएमओयू में विज्ञान भवन और कौशल विकास केन्द्र खुलने से राज्य के युवाओं को विष्य की रह तय करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने विवि में डायस्पोरा सेंटर खोले जाने का प्रस्ताव भी कुलाधिपति के सम्मुख रखा।
नई राह खोज रहा डायस्पोरा
सीका निदेशक प्रो. पीके शर्मा ने वेबीनार के बारे में जानकारी दी। भूमंडलीकरण के दौर में प्रवासी एक अंत: विषय दृष्टिकोण पर आयोजित वेबीनार में विदेशों से कई नामी हस्तियां भी जुड़ी। इनमें आस्ट्रेलिया से अचिन्तो रॉय ने भारतवंशियों की संस्कृति, व्यापार और शिक्षा के बारे में जानकारियां दी।
कुरुक्षेत्र विवि के पूर्व कुलपति प्रो. बीएस दहिया ने भारतवंशियों की संस्कृति और उनकी लेखकीय क्षमताओं का आंकलन किया। राजस्थान विवि के अंग्रेजी विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. जसबीर जैन ने कहा कि आज डायस्पोरा नई राह खोज रहा है। निदेशक अकादमिक प्रो. बी. अरुण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ. क्षमता चौधरी, डॉ. पतंजलि मिश्र, डॉ. अखिलेश कुमार ने संचालन किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पहले सत्र का संचालन डॉ. कीर्ति सिंह ने किया। जिसमें डॉ. सीमा मलिक ने अध्यक्षता की और डॉ. जय सिंह, नितेश नारनोलिया आदि ने डायस्पोरा के बारे में जानकारी दी। वेबीनार में देश-विदेश से 105 लोगों ने प्रतिभाग किया।