एक मशीन पर सारा भार सरकारी क्षेत्र में एमआरआई की नए अस्पताल में ही मशीन है। यहां कोटा संभाग भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। सरकार की ओर से नि:शुल्क जांच की सुविधा देने की घोषणा के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इससे एक ही मशीन पर सारा भार आ गया है। ऐसे में गर्मी के दिन है। इससे मशीन अभी से जवाब देने लगी है। पूरे दिन में मशीन दो से तीन बार बंद होती है। वैसे 12 एसी लगे है, लेकिन आरएमआरएस से 8 एसी और खरीद करेंगे। जिससे मशीन रूम में और ठंडाई रह सके।
यह भी पढ़े: https://www.patrika.com/kota-news/service-of-automatic-ticket-vending-machines-stopped-at-stations-7478341/ एमबीएस व जेके लोन में नहीं मशीन कोटा संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल व जेके लोन अस्पताल में भी एमआरआई मशीन नहीं है। एमबीएस कोटा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां हाड़ौती भर से मरीज आते है, लेकिन यहां भी एमआरआई मशीन नहीं है। ऐसे में इन दोनों अस्पतालों के मरीजों की एमआरआई भी नए अस्पताल में ही होती है।
यह भी पढ़े: https://www.patrika.com/kota-news/two-accused-of-deadly-attack-on-rpf-jawan-arrested-7478132/ पहले लगथा पैसा, अब नि:शुल्क राज्य सरकार की ओर से मरीजों के लिए 1 अप्रेल से पूरी तरह से नि:शुल्क उपचार व जांच की व्यवस्था की है। पहले ब्रेन एमआरआई के लिए 2300 व ज्वाइंट के लिए 2700 रुपए लिए जाते थे, लेकिन अब यह राशि सरकार ने मरीजों से लेना बंद कर दिया है। यदि कोई राशि लेता है तो इसकी तत्काल सूचना अधीक्षक को कर सकते है।
इन आंकड़ों पर नजर अब तक हो चुकी जांचें सीटी स्कैन मार्च- 2022- सीटी 508 अप्रेल-2022-सीटी 468 एमआरआई मार्च- 817 अप्रेल- 573 एमआरआई वेटिंग अप्रेल- 194
मई- 268 जून- 70 कुल वेटिंग- 532 इनका यह कहना मुख्यमंत्री ने नि:शुल्क जांच की घोषणा की है। मरीजों के लिए एमआरआई जांच की सुविधा नि:शुल्क कर दी है। इससे एकदम से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। हमारी पूरी कोशिश है कि मरीजों को जांचों की सुविधा का लाभ दिया जाएगा।
डॉ. सीएस सुशील, अधीक्षक, नए अस्पताल एमबीएस अस्पताल में पीपीपी मोड पर एमआरआई मशीन लगाई जाएगी। इसकी निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिस भी संवेदक के निविदा खुलेगी। उसे अस्पताल में मशीन लगाने का किराया देना होगा। बाकी सारी सुविधा उसी की रहेगी।
डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल