कॉलोनी बसे बरसों बीते, पाइप लाइन नहीं प्रेमनगर तृतीय की बसावट को वर्षों बीत गए, लेकिन अब भी पाइप लाइनों का जाल पूरी तरह से नहीं बिछ सका है। लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। पापाजी का भट्टा व टावर वाली गली में अब तक पाइप लाइनें नहीं हैं। पूर्व में कई इलाकों में अमृत योजना के तहत लाइनें डाली गई थी, इसके बावजूद इन गलियों के बाशिंदे चंबल के पानी से वंचित हैं। महिलाओं ने बताया कि चंबल किनारे होने के बावजूद हम लोग प्यासे हैं। गर्मी में तो पानी के लिए भारी दौड़भाग करनी पड़ती है।
कॉलोनी बसे बरसों बीते, पाइप लाइन नहीं प्रेमनगर तृतीय की बसावट को वर्षों बीत गए, लेकिन अब भी पाइप लाइनों का जाल पूरी तरह से नहीं बिछ सका है। लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। पापाजी का भट्टा व टावर वाली गली में अब तक पाइप लाइनें नहीं हैं। पूर्व में कई इलाकों में अमृत योजना के तहत लाइनें डाली गई थी, इसके बावजूद इन गलियों के बाशिंदे चंबल के पानी से वंचित हैं। महिलाओं ने बताया कि चंबल किनारे होने के बावजूद हम लोग प्यासे हैं। गर्मी में तो पानी के लिए भारी दौड़भाग करनी पड़ती है।