काटा रिबन और चले गए
खास बात यह इस बीच 15 साल पहले डली पाइप लाइनें जर्जर भी हो गई और सीसी रोड ने उनको अपने आगोश में समा लिया। मामला है रायपुरा क्षेत्र का। दस से 12 हजार लोगों की आबादी को वर्षों के इंतजार के बावजूद पानी नहीं मिल रहा। वे लंबी दूरी तय कर पानी जुटा रहे। समृद्ध लोग तो पानी खरीद लेते हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोग संकट से जूझ रहे हैं। जलदाय विभाग के कनेक्शन नहीं होने से लोगों ने घरों में सालों पहले कराए बोरिंगों का पानी भी रीत सा गया है।
इनके जज्बे को है हमारा सलाम, जो काम सालों में uit न कर सकी वो महज़ 15 दिनों में कर दिखाया
बीमारी का खतरा
क्षेत्रवासी सुल्तान हुसैन बताते हैं कि 15 से 20 साल पहले पाइप लाइनें डली थी लेकिन पानी के इंतजार में ही इनका दम टूट गया। फिर ये सीसी रोड के नीचे दब गई हैं। यहीं के मोहम्मद सलीम, जोनी नागर, मनीष तिवारी, जगदीश मीणा व अन्य ने बताया कि बोरिंग का पानी पीने जैसा नहीं है। इससे बीमारियों का खतरा बना रहता है। लिहाजा, महिलाएं टंकी के पास लगे पंप से पानी लाती हैं। दुकानदार व कई लोग खरीदकर पानी पीते हैं। कांति यादव बताती हैं कि सरकारी नल में पानी नहीं आता, हैंण्डपंप भी खराब पड़े हैं।
केन्द्रीय प्रयोगशाला में लगी आग, कर्मचारियों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा , वरना हो जाता लाखों का नुकसान
टंकी से यहां जलापूर्तिरायपुरा में दो साल पहले पानी की टंकी बनाई गई और दिसम्बर 2016 में इसका उद्घाटन हुआ। इससे प्रेमनगर, उम्मेदगंज समेत अन्य इलाकों में जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन स्थानीय वाशिंदों को कनेक्शन नहीं दिए जा रहे। पूर्व पार्षद नरेश हाड़ा कहते हैं कि स्थानीय लोगों को भी टंकी से पानी मिलना चाहिए।
पहले लाइन थी यह मुझे नहीं पता
अरविंद खींची, जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है की, क्षेत्र में पानी की टंकी बनवा दी गई है। पाइप लाइनें नहीं हैं। जिन क्षेत्रों में लाइनें डली हैं वहां उन क्षेत्रों में जलापूर्ति शुरू कर दी है। पहले से पाइप लाइनें डली होने के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मेरे कार्यकाल पाइप लाइन नहीं डाली गई, अब क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के प्रस्ताव बनाए गए हैं। जल्द कार्य करवाया जाएगा।