रेल मंत्रालय ने 21 ऐसे स्टेशनों की सूची जारी की है, जिनका विकास अब संबंधित जोन मुख्यालय के माध्यम से 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा। इनमें कोटा और डकनिया स्टेशन भी शामिल हैं। कोटा के अलावा उदयपुर और जयपुर के गांधी नगर स्टेशन का भी विकास कराया जाएगा।
कोटा. भारतीय रेल स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) के बंद होने के बाद अब कोटा और डकनिया स्टेशन के विकास का कार्य पश्चिम मध्य रेलवे करेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से रेल मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। पश्चिम मध्य रेलवे ने भी आईआरएसडीसी से इससे संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच हुई बैठक के बाद कोटा और डकनिया रेलवे स्टेशनों के विकास का कार्य आईआरएसडीसी को सौंपा गया था। आईआरएसडीसी ने दोनों स्टेशनों का कई बार सर्वे करने के बाद १५० करोड़ रुपए से विकास की योजना तैयार की थी। इस दिशा में तेजी से कार्य चल रहा था इस बीच रेलवे ने पिछले दिनों आईआरएसडीसी को बंद करने का निर्णय ले लिया। इस कारण उन 150 स्टेशनों के विकास के कार्य को झटका लगा, जिसकी जिम्मेदारी आईआरएसडीसी पर थी। इसकी जानकारी मिलने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने उच्च स्तर पर बात की तथा कोटा डकनिया स्टेशन के विकास कार्यों में कोई अड़चन नहीं आने देने के निर्देश दिए। बिरला के हस्तक्षेप का असर नजर आया और रेलवे मंत्रालय ने 21 ऐसे स्टेशनों की सूची जारी की है, जिनका विकास अब संबंधित जोन मुख्यालय के माध्यम से 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा। इनमें कोटा और डकनिया स्टेशन भी शामिल हैं। यह आदेश जारी होने के बाद पश्चिम मध्य रेलवे ने आईआरएसडीसी को कोटा और डकनिया स्टेशन के विकास के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई से संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। आईआरएसडीसी से यह दस्तावेज मिलने के बाद पश्चिम मध्य रेलवे इन विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने की दिशा में करवाई तेजी से प्रारंभ करेगा। रेल मंत्रालय ने जिन 21 स्टेशनों की सूची जारी की है उसमें राजस्थान के चार स्टेशन शामिल हैं। कोटा और डकनिया के अलावा उत्तर पश्चिम रेलवे को उदयपुर रेलवे स्टेशन तथा जयपुर का गांधीनगर स्टेशन विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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