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पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां मूलचंद जांगिड़ के मकान में लकड़ी से लाउडस्पीकर बनाने का कारखाना चल रहा था। मकान के करीब ही खाली प्लाट में निर्माण के लिए नींव की खुदाई कर दी। इसमें पानी भर गया। पानी भरने के बाद से ही पक्के मकान में दरारे आने लगी थी। दोपहर तक हादसे का अंदेशा हुआ। तब सभी कारीगरों को बाहर निकाल लिया गया। हालांकि मशीनें और सामग्री भीतर ही थी, तभी करीब साढ़े तीन बजे मकान धराशायी हो गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और रिपोर्ट तैयार की। यहां जांगिड़ ने बताया कि उसे लाखों रुपयों का नुकसान हो गया। मेहनत से बनाया गया मकान जमीन पर आ गिरा। हादसा पास ही नींव खोदने और उसमें पानी भरा रहने से हुआ।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां मूलचंद जांगिड़ के मकान में लकड़ी से लाउडस्पीकर बनाने का कारखाना चल रहा था। मकान के करीब ही खाली प्लाट में निर्माण के लिए नींव की खुदाई कर दी। इसमें पानी भर गया। पानी भरने के बाद से ही पक्के मकान में दरारे आने लगी थी। दोपहर तक हादसे का अंदेशा हुआ। तब सभी कारीगरों को बाहर निकाल लिया गया। हालांकि मशीनें और सामग्री भीतर ही थी, तभी करीब साढ़े तीन बजे मकान धराशायी हो गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और रिपोर्ट तैयार की। यहां जांगिड़ ने बताया कि उसे लाखों रुपयों का नुकसान हो गया। मेहनत से बनाया गया मकान जमीन पर आ गिरा। हादसा पास ही नींव खोदने और उसमें पानी भरा रहने से हुआ।