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आखिर कहां हुई चूक, नहीं आया पकड़ में…

locationकोटाPublished: Oct 28, 2018 01:58:35 am

Submitted by:

Anil Sharma

चिकित्सा विभाग ने सभी से मिलाया था तालमेल। किया था प्लानिंग से काम, लेकिन मच्छर से जंग लडऩे में रहा नाकाम।

kota

सीएमएचओ ऑफिस में समीक्षा करते निदेशक।

कोटा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. वी.के. माथुर ने भी माना है कि हाड़ौती में मौसमी बीमारियों से हुई 63 मौतों का आंकड़ा ज्यादा है। कोटा जिले में इस सीजन में डेंगू के 400 से अधिक पॉजीटिव केस सामने आए है। उन्होंने अधिकारियों को स्क्रीनिंग पर जोर देने को कहा। माथुर दो दिवसीय दौरे पर कोटा आए थे।
उन्होंने शनिवार को भी सीएमएचओ कार्यालय में मौसमी बीमारियों को लेकर कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मीडिया को बताया कि पिछले साल से सबक लेते हुए विभाग ने इस साल डेंगू पर मेडिकल कॉलेज, नगर निगम, यूआईटी व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ तालमेल के साथ काम किया। नतीजा यह रहा है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार डेंगू पर कंट्रोल है। उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशील इलाकों पर नजर रखते हुए स्क्रीनिंग पर जोर दिया। निदेशक ने माना कि हाड़ौती में डेंगू की अपेक्षा स्वाइन फ्लू से मौतों का आंकड़ा ज्यादा है। स्वाइन फ्लू के वायरस प्रकोप के चलते मरीज सामने आए हैं।
लापरवाही नहीं
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने कहा कि मौसमी बीमारियों में स्वाइन फ्लू के मृतक ज्यादा है। इसमें विभाग की लापरवाही नहीं है। ये मरीज ऐसे थे, जो बीमारी गंभीर होने पर कोटा आए। मौतों के अन्य पहलु भी है।
हाड़ौती पर पूरी नजर
निदेशक ने बताया कि मौसमी बीमारियों को लेकर हाड़ौती पर पूरी नजर है। वे अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में है। पिछले दिनों उन्होंने जयपुर से संयुक्त निदेशक व ग्रामीण स्वास्थ्य के अधिकारियों को कोटा समीक्षा के लिए भेजा था। उनसे पूरी रिपोर्ट ली है।
एक नजर डेंगू के आंकड़ों पर
2018 : सितम्बर व अक्टूबर में 4637 ने कराई जांच
265 मरीजों के डेंगू की पुष्टि
पूरे सीजन में डेंगू से कुल 553 केस
कोटा जिले से 404 केस शामिल
2017 : सितंबर व अक्टूबर में 9724 ने कराई जांच
1574 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले
चिकित्सा विभाग के अभियान
04 बार जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया
01 बार में 2 लाख 50 हजार घरों का सर्वे
05 बार भीमगंजमंडी इलाके में।
01 बार कुन्हाड़ी, बोरखेड़ा में 60 हजार घरों का सर्वे
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