शक्कर का बजट नहीं
दूध की व्यवस्था के लिए संस्था प्रधानों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो अपने स्तर पर दूध की व्यवस्था करेंगे। दूध के लिए आवश्यक बर्तन खरीदने के लिए 2500 और प्रति ग्लास के लिए बीस रुपए का बजट दिया गया है।
सरकारी स्कूलों के बच्चों को तंदरुस्त रखने के लिए शुरू की जा रही दूध पिलाने की योजना में भी फर्क रखा गया है। इसमें शहरी क्षेत्रों में पढऩे वाले बच्चों को 40 रुपए लीटर तथा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को 35 रुपए लीटर वाला दूध मिलेगा। शहरी क्षेत्र के स्कूलों के लिए पाश्च्युरीकृत टोंड मिल्क खरीदना होगा जो सरस का होगा। ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों में खुला दूध खरीदा जाएगा।
स्कूलों में दूध वितरण को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक जो निर्देश मिले, उसमें बर्तन एवं गिलास खरीदने का बजट है लेकिन शक्कर का कोई प्रावधान नहीं है।
भीमराज वर्मा, एबीईईओ सांगोद