घर तक नहीं आता बच्चों का ऑटो
नम्रता आवास निवासी सावित्री बाई ने बताया कि वह पन्द्रह वर्ष से कॉलोनी में रह रही है। इस मुख्य रास्ते पर पानी भरा होने से बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए ऑटो घर तक नहीं आता। बच्चों को गोद या कंधों पर बिठाकर ऑटो तक छोडऩे व लेने जाना पड़ता है। बारिश में तो यहां तीन से चार फीट तक पानी भर जाता है। ऐसे में लोगों का घरों से निकलना तक बंद हो जाता है। बदबूदार इस पानी से निकल जाओ तो पैरों में एलर्जी हो जाती है। कई लोगों ने तो एलर्जी होने की शिकायत भी की।
यूआईटी, निगम ने भी नहीं सुनी
कमला देवी ने बताया कि यूआईटी ने आसपास की कॉलोनियों व यहां गलियों में तो सीसी रोड बना दी। लेकिन कॉलोनी के इस हिस्से में, जो मुख्य मार्ग भी है सीसी रोड व नालियों का निर्माण नहीं किया। नालियां नहीं होने से आसपास की कालोनियों का सारा पानी सड़क पर जमा हो जाता है। सड़क बनाने के लिए निगम व यूआईटी में कई बार प्रदर्शन कर ज्ञापन दे चुके। सड़क नहीं बनने व पानी की निकासी नहीं होने से इस हिस्से में 25 से 30 परिवार नारकीय जिंदगी जीेने को मजबूर है।
टैंडर हुआ, कार्य नहीं
आनन्द विहार निवासी यशपाल मेहता ने बताया कि सीसी रोड का कार्य स्वीकृत होने के 11 महिने बाद भी रोड नहीं बना। विधानसभा चुनाव से पहले यूआईटी ने सीसीरोड का टैण्डर स्वीकृत कर दिया, लेकिन ठेकेदार द्वारा टैण्डर राशि जमा नहीं कराने से टैण्डर निरस्त हो गया।
पार्षद को नहीं देखा
सुमित चतुर्वेदी ने बताया कि नाली पटान व सड़क के लिए दो साल से यूआईटी, निगम के चक्कर काट रहे हैं। पार्षद दुर्गेश कुमारी की तो 5 साल में कॉलोनी के लोगों ने शक्ल तक नहीं देखी। शिकायत के लिए पार्षद के नम्बर पर फोन करते हैं तो पार्षद पति फोन उठाते हैं और सीसी रोड का कार्य स्वीकृत हो जाने का पिछले तीन महिनों से आश्वासन दे रहे हैं।