नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से शेरनी सुहासिनी व बाघ-बाघिन नाहर व महक को लाकर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लाकर छोड़ा गया था। पथरीला क्षेत्र व वन्यजीवों के बाड़ों के आसपास पेड़ों की कमी होने से तापमान ज्यादा रहता है।लॉइनेस, टाइगर, पैंथर के बाड़ों में फोगर्स लगवाए गए हैं। वन्यजीव अधिकतर समय फोगर्स के फव्वारे में बैठे नजर आते हैं। जेकॉल व अन्य कुछ बाड़ों में भी फोगर्स लगवाने की योजना है।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से शेरनी सुहासिनी व बाघ-बाघिन नाहर व महक को लाकर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लाकर छोड़ा गया था। पथरीला क्षेत्र व वन्यजीवों के बाड़ों के आसपास पेड़ों की कमी होने से तापमान ज्यादा रहता है।लॉइनेस, टाइगर, पैंथर के बाड़ों में फोगर्स लगवाए गए हैं। वन्यजीव अधिकतर समय फोगर्स के फव्वारे में बैठे नजर आते हैं। जेकॉल व अन्य कुछ बाड़ों में भी फोगर्स लगवाने की योजना है।