पार्क में मादा भालू पहले से ही है। इसे सितम्बर में रेस्क्यू कर पार्क में लाया गया था। अब पार्क में एक नर व एक मादा समेत दो भालू हो गए हैं। फिलहाल भालू को देखरेख में रखा है। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क को नए साल के प्रारंभ में दर्शकों के लिए खोला गया था। इसके बाद से ही वन्यजीव प्रेमियों को वन्यजीवों की कमी खल रही थी। अभी भी अन्य वन्यजीवों की दरकार है।
इन वन्यजीवों को लाने की योजना अभेड़ा में बाघ, शेर, इंडियन फोक्स, स्लॉथ बियर तथा हिमालियन भालू को लाने की योजना है। सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क उदयपुर से शेर व शेरनी का जोड़ा लाया जाएगा। इनमें शेर अली व शेरनी सुहासिनी कोटा लाई जानी है। जोधपुर माचिया पार्क से बाघिन महक लाए जाने का प्रस्ताव है। बाघ के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। नागालैंड से हिमालियन भालू व नाहरगढ़ जयपुर से स्लॉथ बियर लाने की योजना है। सूत्रों के अनुसार सीजेडएआई से गत वर्ष अनुमति मिल गई थी, लेकिन पार्क का कार्य नहीं होने के कारण वन्यजीवों को नहीं लाया गया। ऐसे में प्रक्रिया के तहत दोबारा अनुमति लेनी होती है। विभाग ने प्राधिकरण को प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं।
अभी ये वन्यजीव बायोलॉजिकल पार्क में अभी 80 के करीब वन्यजीव हैं। इनमें 5 चिंकारे,10 ब्लेक बक, 33 चीतल, 10 नीलगाय, 3 सांभर, 3 हाईना, 4 भेडि़ए, 2 सियार, 3 पैंथर, दो भालू समेत करीब 80 वन्यजीव हैं। पक्षी व सरीसृप वर्ग के कुछ जीव पुराने चिडियाघर में हैं।
जेकाल ने दिए बच्चे बायोलॉजिकल पार्क में जेकाल ने भ बच्चे दिए हैं। इनकी संख्या पांच बताई जा रही हैै। जानकारी के अनुसार अभी ये तीन चार दिन के ही हए हैं। इन पर निगाह रखी जा रही है।
जैसा कि इन्होंने बताया सहायक वन संरक्षक अनुराग भटनागर के अनुसार सज्जनगढ़ पार्क के लिए भालू को लाया गया है। अन्य वन्यजीवों को लाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।सीजेडए को इनके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं। स्वीकृति मिलने पर आवश्यकता के अनुरूप वन्यजीवों को लाकर शिफ्ट करेंगें।