बांध के निर्माण की स्थिति
बांध के निर्माण में ओवरफ्लो एवं नोन ओवरफ्लो के कुल 30 ब्लॉक में से 27 ब्लॉक में कंक्रीट सीमेंट का कार्य प्रगतिरत है। एक ब्लॉक से नदी के जल प्रवाह की निकासी की जा रही है। इस प्रकार लगभग 70 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। बांध के 27 गेट वर्कशॉप में बनकर तैयार हो गए हैं।
13 जिलों के लिए बनाई योजना
बांध के निर्माण में ओवरफ्लो एवं नोन ओवरफ्लो के कुल 30 ब्लॉक में से 27 ब्लॉक में कंक्रीट सीमेंट का कार्य प्रगतिरत है। एक ब्लॉक से नदी के जल प्रवाह की निकासी की जा रही है। इस प्रकार लगभग 70 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। बांध के 27 गेट वर्कशॉप में बनकर तैयार हो गए हैं।
13 जिलों के लिए बनाई योजना
इस परियोजना से वर्ष 2051 तक 13 जिलों अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां व झालावाड़ के विभिन्न कस्बों एवं शहरों में पेयजल एवं औद्योगिक जल की उपलब्धता होगा। परियोजना के तहत 6 बैराज और एक बांध का निर्माण होगा। धौलपुर व सवाईमाधोपुर जिले में लगभग 2 लाख हैक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
ऐसा होगा बांध
ऐसा होगा बांध
226.65 मिली घन मीटर होगी नौनेरा बांध की कुल भराव क्षमता
54 मिली घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा 444.62 करोड़ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की हिस्सा राशि है
4 कस्बे और 752 गांवों में पहुंचेगा पेयजल
54 मिली घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा 444.62 करोड़ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की हिस्सा राशि है
4 कस्बे और 752 गांवों में पहुंचेगा पेयजल
27 रेडियल गेट 15 मीटर गुणा 16 मीटर के बैराज में होंगे
1404 मीटर है बैराज की कुल लम्बाई
वन विभाग से मिली अंतिम स्वीकृति, अगले साल नवनेरा बांध में होगा जलभराव
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना: कालीसिंध नदी पर बन रहा है बांध
कोटा. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत (नवनेरा) नौनेरा बांध के डूब क्षेत्र में आ रही वनभूमि पर कार्य करने के लिए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति मिल गई है। वन विभाग की जितनी भूमि बांध के उपयोग में ली है, उतनी ही जमीन वन विभाग को दे दी गई है।
बांध के डूब क्षेत्र में कुल 3112.15 हैक्टेयर भूमि आ रही है। इसमें 656.347 हैक्टेयर वन भूमि एवं 495.16 हैक्टेयर निजी भूमि है। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.के. जैमिनी ने बताया कि भूमि में कोटा जिले की 580.938 हैक्टेयर तथा बारां जिले की 75.409 हैक्टेयर है। वन भूमि के बदले बारां के अंता और कोटा जिले में मंडाना और सांगाेद में भूमि दी है। वहीं वन विभाग को भूमि विकसित करने के लिए 110.70 करोड़ रुपए शुल्क के रूप में दिए हैं। अक्टूबर, 2023 तक बांध कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन वनभूमि के प्रकरण का निस्तारण होने के बाद अब इसे आगामी मानसून सीजन से पहले पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि आगामी सीजन में इसमें जलभराव किया जा सके।
कोटा जिले के ऐबरा गांव के पास कालीसिंघ नदी पर निर्माणाधीन इस बांध के पूर्ण हो जाने पर औसतन 3387.25 मिलियन घन मीटर पानी डायवर्जन किया जाना प्रस्तावित है।
1404 मीटर है बैराज की कुल लम्बाई
वन विभाग से मिली अंतिम स्वीकृति, अगले साल नवनेरा बांध में होगा जलभराव
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना: कालीसिंध नदी पर बन रहा है बांध
कोटा. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत (नवनेरा) नौनेरा बांध के डूब क्षेत्र में आ रही वनभूमि पर कार्य करने के लिए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति मिल गई है। वन विभाग की जितनी भूमि बांध के उपयोग में ली है, उतनी ही जमीन वन विभाग को दे दी गई है।
बांध के डूब क्षेत्र में कुल 3112.15 हैक्टेयर भूमि आ रही है। इसमें 656.347 हैक्टेयर वन भूमि एवं 495.16 हैक्टेयर निजी भूमि है। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.के. जैमिनी ने बताया कि भूमि में कोटा जिले की 580.938 हैक्टेयर तथा बारां जिले की 75.409 हैक्टेयर है। वन भूमि के बदले बारां के अंता और कोटा जिले में मंडाना और सांगाेद में भूमि दी है। वहीं वन विभाग को भूमि विकसित करने के लिए 110.70 करोड़ रुपए शुल्क के रूप में दिए हैं। अक्टूबर, 2023 तक बांध कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन वनभूमि के प्रकरण का निस्तारण होने के बाद अब इसे आगामी मानसून सीजन से पहले पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि आगामी सीजन में इसमें जलभराव किया जा सके।
कोटा जिले के ऐबरा गांव के पास कालीसिंघ नदी पर निर्माणाधीन इस बांध के पूर्ण हो जाने पर औसतन 3387.25 मिलियन घन मीटर पानी डायवर्जन किया जाना प्रस्तावित है।
बांध के निर्माण की स्थिति
बांध के निर्माण में ओवरफ्लो एवं नोन ओवरफ्लो के कुल 30 ब्लॉक में से 27 ब्लॉक में कंक्रीट सीमेंट का कार्य प्रगतिरत है। एक ब्लॉक से नदी के जल प्रवाह की निकासी की जा रही है। इस प्रकार लगभग 70 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। बांध के 27 गेट वर्कशॉप में बनकर तैयार हो गए हैं।
13 जिलों के लिए बनाई योजना
बांध के निर्माण में ओवरफ्लो एवं नोन ओवरफ्लो के कुल 30 ब्लॉक में से 27 ब्लॉक में कंक्रीट सीमेंट का कार्य प्रगतिरत है। एक ब्लॉक से नदी के जल प्रवाह की निकासी की जा रही है। इस प्रकार लगभग 70 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। बांध के 27 गेट वर्कशॉप में बनकर तैयार हो गए हैं।
13 जिलों के लिए बनाई योजना
इस परियोजना से वर्ष 2051 तक 13 जिलों अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां व झालावाड़ के विभिन्न कस्बों एवं शहरों में पेयजल एवं औद्योगिक जल की उपलब्धता होगा। परियोजना के तहत 6 बैराज और एक बांध का निर्माण होगा। धौलपुर व सवाईमाधोपुर जिले में लगभग 2 लाख हैक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
ऐसा होगा बांध
ऐसा होगा बांध
226.65 मिली घन मीटर होगी नौनेरा बांध की कुल भराव क्षमता
54 मिली घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा 444.62 करोड़ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की हिस्सा राशि है
4 कस्बे और 752 गांवों में पहुंचेगा पेयजल
54 मिली घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा 444.62 करोड़ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की हिस्सा राशि है
4 कस्बे और 752 गांवों में पहुंचेगा पेयजल
27 रेडियल गेट 15 मीटर गुणा 16 मीटर के बैराज में होंगे
1404 मीटर है बैराज की कुल लम्बाई
1404 मीटर है बैराज की कुल लम्बाई