मां - बेटी मरना चाहती थी, लेकिन वो भगवान बनकर आ गया
कोटाPublished: Oct 12, 2022 07:17:30 pm
भैंसरोडगढ़ चंबल पुल से एक महिला ने आत्महत्या की नीयत से बेटी का हाथ पकड़ चंबल नदी में छलांग लगा दी। लेकिन कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय... एक मछुआरा उसी समय फरिश्ता बनकर नदी में कूद पड़ा और मां - बेटी की जान बचा ली।


आर्थिक तंगी से परेशान महिला ने बेटी के साथ नदी में लगाई छलांग, जिसने देखा सिहर उठा
भैंसरोडगढ़ चंबल पुल से एक महिला ने आत्महत्या की नीयत से बेटी का हाथ पकड़ चंबल नदी में छलांग लगा दी। लेकिन कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय... एक मछुआरा उसी समय फरिश्ता बनकर नदी में कूद पड़ा और मां - बेटी की जान बचा ली।
जानकारी के अनुसार आरपीएस कॉलोनी में रहने वाली महिला अपनी 11वर्षीय पुत्री के साथ तड़के पांच बजे जयपुर से लौटी और चौराहा से ऑटो कर चंबल पुल भैंसरोडगढ़ पहुंच गई। पुल से दोनों ने छलांग लगा दी। नाव घाट पर अचानक हुए घटनाक्रम से शोर मच गया। इस बीच पास ही मौजूद मछुआरे ने दोनों को सुरक्षित निकाल लिया। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। सूचना पर भैंसरोडगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला कौशल्या (43) पत्नी ईश्वर नागर और उसकी पुत्री को उप जिला अस्पताल लेकर आई, जहां दोनों का प्राथमिक उपचार किया। पुलिस उपाधीक्षक झाबरमल यादव भी अस्पताल पहुंचे और महिला और बच्ची से जानकारी ली।
पति गुजरात पुलिस में सिपाही
महिला ने बताया कि उसका पति गुजरात पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है। पिछले चार -पांच महीने से महिला पति के संग गुजरात के गोधरा में थी। महिला की बड़ी बेटी जयपुर में बीबीए कर रही है। महिला जयपुर से लौटी और आत्महत्या करने का मन बना लिया। महिला के अनुसार बड़ी बेटी की फीस और रावतभाटा मकान का किराया नहीं होने का तकाजा बढ़ने से वह बहुत परेशान थी।