पिछले दस दिनों से धरने पर बैठी महिला चन्द्रकला ने बताया कि पिछले दस दिनों से देख रहे है दोनों पार्टियों के नेता धरना स्थल पर आकर हम आपके साथ है आश्वासन देकर चले जाते है करते कुछ भी नहीं। लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले अगर ये दुकानें बंद नहीं की तो मतदान का बहिष्कार करेंगे। अगर कोई नेता को संतोषी नगर में किसी भी गली में वोट मांगने के लिए नहीं घुसने देंगे। अगर वह आ गया तो उसका ऐसा हाल करेंगे नेताजी याद रखेंगे उनका क्या हाल करेंगे। आगे से वे भी महिलाओं को आश्वासन देने से पहले सौ बार सोचेंगे। धरने पर बैठी अन्य महिलाओं का कहना है कि हमने धरना यहां की सभी दुकानें बंद कराने को लेकर दिया है। देशी शराब की दो दुकानें बंद करने के आश्वासन से कुछ नहीं होगा। अंग्रेजी शराब की दुकानें भी बंद करा के रहेंगे। वहीं पार्षद मामा चौधरी ने कहा कि इतनी गर्मी में भी दिनरात चौबीस घंटे महिलाएं धरने पर डटी हुई है। प्रशासन अंग्रेजी की दुकानें भी बंद करे वर्ना २९ अप्रेल को को चुनाव है संतोषी नगर क्षेत्र से वोट तभी डलेंगे जब ये दुकानें यहां से हट जाएगी। अगर प्रशासन चाहता है कि यहां के लोग वोट डाले तो तुरंत निर्णय लेना पड़ेगा।
राष्ट्रीय नवनिर्माण संगठन के संस्थापक हिमत सिंह हाड़ा ने कहा कि महिलाएं पिछले दस दिनों से लगातार इस गर्मी में धरने पर बैठी है। सभी पार्टियों के नेता वोट के पीछे भाग रहे है इन महिलाओं की पीड़ा की ओर कोई ध्यान नहीं है। अगर इस मुद्दे को खत्म करना है तो चाहे जो जनप्रतिनिधि विधायक हो या सांसद धरने पर आकर महिलाओं को यह तो कहे कि अभी हम कुछ नहीं कर सकते है तो चुनाव के बाद इस दिन इन दुकानों को बंद करवा देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अगर जबरदस्ती इन दुकानों को खुलवाई तो सबसे पहले मैं इन दुकानों के शटर पर ताला लगाऊंगा चाहे फिर मुकदमा लगे या जेल जाना पड़े।