कोटा कृषि विज्ञान केन्द्र इन महिलाओं को मोटा अनाज से खाद्य पदार्थ बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। केन्द्र की वैज्ञानिक गुंजन सनाढ्य ने बताया कि वर्ष 2023 इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया गया था। हमारे केंद्र में महिलाओं को मिलेट्स के जुड़े उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद कई महिलाएं मिलेट्स से केक, बिस्किट, इडली-डोसा, लड्डू व ब्रेड बना कर बेच रही हैं।
दादाबाड़ी निवासी मनीषा त्रिवेदी ने प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2022 में मिलेट्स पर काम शुरू किया। राजगीरा, बाजरा, ज्वार से स्नैक्स, बिस्किट, नमकीन, मठरी, चिवड़ा, केक, फलाहारी केक सहित अन्य उत्पाद बना रही हैं। इन उत्पादों को बेचकर प्रतिमाह 1 लाख रुपए तक कमाई कर रही हैं।
– जयश्री विहार निवासी बेबी रानी ने ट्रेनिंग के बाद वर्ष 2021 में मिलेट्स के उत्पाद बनाना शुरू किया। मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, रागी से 8 तरीके के बिस्किट, गजक व बाजरे के पापड़ बना रही हैं। अब घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं। हर महीने 35 से 40 हजार रुपए की कमाई हो रही है।
– खेड़ली फाटक निवासी हेमलता सोनगरा ने बताया कि वर्ष 2022 में केवीके में एक माह की ट्रेनिंग के बाद घर पर मिलेट्स उत्पाद बनाना शुरू किया। ज्वार, बाजरा के लड्डू, बिस्किट, मठरी, नमकीन, दलिया बनाया। पहले इन्हें बेचने में दिक्कत आई, लेकिन अब घर बैठे ऑर्डर मिलने लगे हैं।
– दादाबाड़ी निवासी स्मिता औदिच्य ने वर्ष 2022-23 में मिलेट्स से इंस्टेंट मिक्स तैयार किया। इसमें बाजरा व केले से इंस्टेंट मिक्स बनाया जाता है। इससे पकौड़ी, इडली, चीला सहित अन्य खाने की चीज हाथों हाथ बनाई जा सकती हैं। प्रति माह 60 से 70 हजार रुपए कमा रही हैं।