कोटा

RAJFED की एक चूक से हुई बांसवाडा के आदि‍वासि‍यों की मौज, खुली लाखों की लॉटरी

5400 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर उड़द बेचना प्रदेश के उन 70 किसानों को भारी पड़ गया, जिनका भुगतान राजफेड ने कोसों दूर अन्य किसानों के खातों में डाल दिया।

कोटाJun 14, 2018 / 08:37 pm

​Zuber Khan

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धनराज टाक. कोटा. 5400 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर उड़द बेचना प्रदेश के उन 70 किसानों को भारी पड़ गया, जिनका भुगतान राजफेड ने कोसों दूर अन्य किसानों के खातों में डाल दिया। पात्र किसानों को खरीद बंद होने के 4 माह बाद भी भुगतान नहीं हुआ तो उन्होंने राजफेड में सम्पर्क किया।
 

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हाड़ौती में 24 किसान सामने आए हैं, जिनका करीब 25 लाख का भुगतान गलत खातों में चला गया है। इनमें से भी 14 किसानों ने इटावा क्रय-विक्रय सहकारी समिति में उड़द बेचा था। इसके अलावा कोटा, बूंदी व रामगंजमंडी एक-एक, बूंदी के देई क्रय विक्रय सहकारी समिति क्षेत्र के 5, तीन किसान अन्य क्षेत्रों के हैं। राजफेड अब विभाग अपात्र किसानों से रिकवरी और पीडि़तों को भुगतान के प्रयास में जुटा है।
 

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पंजीयन के दौरान हुई गलती
समय पर उड़द का भुगतान नहीं होने पर किसानों ने शिकायत की तो राजफेड ने उच्च स्तर पर प्रकरण भेजे। वहां से जांच हुई तो पता चला कि किसानों का पंजीयन करते समय ई-मित्र संचालक ने बैंक एकाउंट, आईएफएससी कोड नम्बर गलत अंकित कर दिए।
 

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रिकवरी में आ रहा पसीना
गलत एकाउंट नम्बर या आईएफएससी कोड अंकित होने के कारण इटावा के किसानों का पेमेंट बांसवाड़ा जिले के उन आदिवासी किसानों के खातों में चला गया जिन्होंने कभी उड़द की खेती ही नहीं की। खातों में मोटी रकम देखी तो उनकी मौज हो गई। रुपए निकाल कर खर्च भी कर दिए। अब राजफेड रुपए जमा कराने के लिए उन्हें नोटिस दे रहा लेकिन वे असमर्थता जता रहे हैं।
 

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प्रक्रिया जारी है
राजफेड के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश शुक्ला ने बताया कि कोटा संभाग के कई उड़द उत्पादक किसानों को भुगतान नहीं हुआ था। किसानों से मिली शिकायतों पर जांच कराई तो गलत खातों में भुगतान होने की पुष्टि हुई। मुख्यालय से अधिकांश पीडि़त किसानों को भुगतान कर दिया है। अन्य की प्रक्रिया जारी है।

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