पश्चिमोत्तानासन के लाभ
रीढ़ की हड्डी के लिए: यह आसन मेरुदंड को लचीला बनाता है और हमें बहुत रोगों से दूर करता हैं।
मोटापा कम के लिए: अगर आपको अपनी पेट की चर्बी कम करनी हो तो इस आसन का नियमित अभ्यास करें। यह पेट को कम करने के साथ साथ कमर को पतला करने में भी मदद करता है।
मांसपेशियों के लिए: पश्चिमोत्तानासन से पेट की पेशियां मजबूत होती है जो पाचन से सम्बंधित परेशानियां जैसे कब्ज, अपच को दूर करने में सहायक है।
त्वचा रोगों की लिए: पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से त्वचा रोगों को दूर करने में सहायता मिलती है।
साइटिका योग: यह आसन साइटिका से सम्बंधित रोगों को दूर करता है।
तनाव कम करने के आसन: पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास से तनाव में बहुत हद तक कण्ट्रोल पाया जा सकता है और साथ ही साथ क्रोध को दूर करते हुए मन को शांति एवम प्रसन्न रखता है। इस आसन को करने से गुस्सा नियंत्रित होता हैं।
पथरी के लिए योग: पश्चिमोत्तानासन से गुर्दे की पथरी को रोक सकते हैं।
एजिंग को धीमा करने वाला योग: इसके अभ्यास से आप उम्र की गति को धीमा कर सकते हैं।
अनिद्रा रोग में सहायक : यह आसन अनिद्रा रोग में लाभदायक है।
बौनापन दूर करें योग से: पश्चिमोत्तानासन के नियमित अभ्यास से शरीर की हाइट बड़ाई जा सकती है और बौनापन से निजात मिल सकती है।
चेहरे पर तेज लाता है : इस आसन के अभ्यास से पुरे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर हो
रीढ़ की हड्डी के लिए: यह आसन मेरुदंड को लचीला बनाता है और हमें बहुत रोगों से दूर करता हैं।
मोटापा कम के लिए: अगर आपको अपनी पेट की चर्बी कम करनी हो तो इस आसन का नियमित अभ्यास करें। यह पेट को कम करने के साथ साथ कमर को पतला करने में भी मदद करता है।
मांसपेशियों के लिए: पश्चिमोत्तानासन से पेट की पेशियां मजबूत होती है जो पाचन से सम्बंधित परेशानियां जैसे कब्ज, अपच को दूर करने में सहायक है।
त्वचा रोगों की लिए: पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से त्वचा रोगों को दूर करने में सहायता मिलती है।
साइटिका योग: यह आसन साइटिका से सम्बंधित रोगों को दूर करता है।
तनाव कम करने के आसन: पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास से तनाव में बहुत हद तक कण्ट्रोल पाया जा सकता है और साथ ही साथ क्रोध को दूर करते हुए मन को शांति एवम प्रसन्न रखता है। इस आसन को करने से गुस्सा नियंत्रित होता हैं।
पथरी के लिए योग: पश्चिमोत्तानासन से गुर्दे की पथरी को रोक सकते हैं।
एजिंग को धीमा करने वाला योग: इसके अभ्यास से आप उम्र की गति को धीमा कर सकते हैं।
अनिद्रा रोग में सहायक : यह आसन अनिद्रा रोग में लाभदायक है।
बौनापन दूर करें योग से: पश्चिमोत्तानासन के नियमित अभ्यास से शरीर की हाइट बड़ाई जा सकती है और बौनापन से निजात मिल सकती है।
चेहरे पर तेज लाता है : इस आसन के अभ्यास से पुरे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर हो
ध्यान दें
पश्चिमोत्तानासन उनको नहीं करनी चाहिए जिनके पेट में अल्सर की शिकायत हो। ध्यान रहे, इस योग को हमेशा खाली पेट ही करनी चाहिए।
शुरुआती दौड़ में इस आसन को करते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस आसन को झटके के साथ कभी भी न करें। अगर आपके आंत में सूजन हो तो इसका अभ्यास बिल्कुल न करें। कमर में तकलीफ हो तो इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए। इस आसन के बाद भुजंगासन व शलभासन करने से कमर को राहत मिलती है।
पश्चिमोत्तानासन उनको नहीं करनी चाहिए जिनके पेट में अल्सर की शिकायत हो। ध्यान रहे, इस योग को हमेशा खाली पेट ही करनी चाहिए।
शुरुआती दौड़ में इस आसन को करते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस आसन को झटके के साथ कभी भी न करें। अगर आपके आंत में सूजन हो तो इसका अभ्यास बिल्कुल न करें। कमर में तकलीफ हो तो इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए। इस आसन के बाद भुजंगासन व शलभासन करने से कमर को राहत मिलती है।