कपालभाति से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। कपालभाति से पेट की चर्बी तभी घटेगी जब इसको आप नियमित रूप से प्रतिदिन 15 से 20 मिनट तक करते हैं। कपालभाति सिर्फ आपके पेट की चर्बी को ही नहीं घटाता बल्कि मोटापे को भी कम करने में अहम रोल निभाता है। यह पेट की चर्बी को कम करने के अलावा मस्तिष्क में स्फूर्ति, श्वसन मार्ग के अवरोध को कम करना, बलगम को दूर करना, साइनसाइटिस, एंजाइम ािव में मदद करना, फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि, सिर दर्द, इत्यादि में बहुत लाभदायक है। हृदय रोग,उच्च रक्तचाप, मिर्गी, दौरे, हर्निया तथा आमाशाय के अल्सर से पीडि़त मरीजों को कपालभाति नहीं करना चाहिए।
कपालभाति के अलावा उत्तानपादासन पेट को फ्लैट एवं तोंद को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है। उत्तानपादासन एक ऐसा योग है जो पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करने में अहम भूमिका निभाता है। यही नहीं इसके नियमित अभ्यास करने से शरीर में एब्स भी बनने लगते हैं। अगर सही मायने में देखा जाए तो उत्तानपादासन और इसके विभिन्न प्रकार करके आप हमेशा हमेशा के लिए मोटापा और तोंद से निजात पा सकते हैं। उत्तानपादासन के और भी लाभ है जैसे नाभि संतुलन में, पेट की पेशियों के लिए, पेट ददज़्, उदर वायु, अपच, अतिसार, घबराहट, कमर मजबूत, इत्यादि में में लाभकारी होता है।
पेट बाहर निकला होना शर्मिंदगी का कारण बन जाता है। इस शर्मिंदगी से बचने के लिए आप चक्रासन को अपना सकते है। इस योग से मोटापे पर अच्छी तरह कंट्रोल पाया जा सकता है। इस योगाभ्यास से पेट एवं मोटापा ही कम नही होगा बल्कि शरीर शुडोल रूप धारण करते हुए आपके चेहरे पर निखार लेकर आता है ।
भुजंगासन को अगर सही ढंग से किया जाए तो वजन घटाने के लिए यह एक उम्दा योगाभ्यास है। यह पेट की चर्बीको कम करने के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। बस शर्त है कि इस कोबरा पोज़ को सही विधि और सही तकनीक के साथ किया जाए। भुजंगासन सिर्फ पेट की चर्बी को कम नहीं करता बल्कि तोंद, हिप्स, पैर के साथ साथ शरीर के और जगहों की चर्बी को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।