कस्बे के ट्रांसपोर्ट नगर निवासी मोहित सैनी अपनी पत्नी और छोटी बहन के साथ वैक्सीन लगवाने पहुंचें। मोहित ने बताया कि वैक्सीन कब लग गई पता ही नही चला। मैं मेरी पत्नी और बहन के टीका लगवाने के लिए काफी उत्साहित था। जैसे ही पंजीयन प्रक्रिया शुरू हुई समय रहते पंजीयन करवाकर टीका लगवाया। अब मेरा पूरे परिवार का कोरोना संक्रमण से बचाव हो जाएगा।
बाईपास रोड़ निवासी यश गुप्ता ने बताया कि कोरोना टीका लगवाने के लिए उत्साह इतना था कि मैनें अकेले जाकर ही वैक्सीनेशन करवा लिया। मन में टीके को लेकर झिझक थी लेकिन टीका लगने का मालूम ही नही चला।
कई निराश लौटे
18 प्लस टीकाकरण की खबर सुनते ही कई लोग बिना पंजीयन कराए केवल आधार कार्ड लेकर सीधे टीकाकरण सेन्टर पहुंच गए। जहाँ से उन्हें निराश लौटना पड़ा। वहीं 45 से अधिक उम्र वाले लोगों को भी टीकाकरण नही हो पाया।