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अगर ऐसा है आप का घर तो हमेशा रहेगी सुख शांति

locationकोटाPublished: Nov 22, 2019 06:44:01 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

घर में कौन सी दिशा का क्या महत्व है, इसका उल्लेख वास्तु ग्रंथों में मिलता है।

अगर आप घर बनवा रहे हैं या फिर घर का निचला भाग वास्तु के अनुसार हैं तो कई फायदे मिलने वाले हैं

अगर आप घर बनवा रहे हैं या फिर घर का निचला भाग वास्तु के अनुसार हैं तो कई फायदे मिलने वाले हैं

कोटा . वास्तु का प्रचलन सदियों, युगों पहले से है। घर में कौन सी दिशा का क्या महत्व है, इसका उल्लेख वास्तु ग्रंथों में मिलता है। घर का वास्तु अच्छा होने पर सुख-समृद्धि और शांति रहती है। इसलिए वास्तु विज्ञान को समझने और उससे फायदा उठाने के लिए सबसे पहले दिशाओं का ज्ञान होना जरूरी है। अगर आप घर बनवा रहे हैं या फिर आपके घर का निचला भाग वास्तु के अनुसार हैं तो कई फायदे मिलने वाले हैं। आइए जानते हैं घर के विभिन्न दिशाओं में निचाई का क्या प्रभाव पड़ता है

सुख-समृद्धि का होता है वास
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आपके घर का पूर्व ईशान दिशा निचला है तो इससे सुख-समृद्धि का वास होता है और घर के मालिक का यश बढ़ता है। यदि आप अपना घर बनवा रहे हैं तो पूर्व ईशान कोण को निचला रखें। पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण की संज्ञा दी गई है। यह दो दिशाओं का सर्वोतम मिलन स्थान है
अग्नि का रहता है भय
यदि आपके घर का पूर्व आग्नेय दिशा निचला है तो इससे घर की संतान के कष्ट बढऩे की आशंका रहती है। साथ ही आर्थिक नुकसान और अग्नि का भी भय बन रहता है। दक्षिण और पूर्व के मध्य का कोणीय स्थान आग्नेय कोण के नाम से जाना जाता है। यह स्थान अग्नि देवता का प्रमुख स्थान है।
हो सकता है आर्थिक नुकसान
यदि आपके घर का दक्षिण आग्नेय दिशा निचला है तो घर की ग्रहण अस्वस्थ रहती है और भय का शिकार भी बना रहता है। वहीं दक्षिण दिशा निचली है तो घर की स्त्रियों को मानसिक बीमारी होने का भय रहता है और आर्थिक नुकसान भी होता है।
बन सकती है कर्ज की स्थिति
वास्तु के अनुसार, घर का दक्षिण नैऋत्य दिशा निचला है तो इससे कर्ज की स्थिति बनती है और स्त्रियां ज्यादातर अस्वस्थ रहती है। दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य दिशा का नाम दिया गया है। इस दिशा पर निरूति या पूतना का आधिपत्य है।

घर ऐसा है तो अध्यात्म में रहती है रूचि
यदि घर का पश्चिम नैऋत्य दिशा निचला है तो इससे घर के प्रमुख व्यक्ति को कष्ट की आशंका बनी रहती है। दुर्घटना और निराशा का भय रहता है। वहीं अगर पश्चिम दिशा निचली है तो धन लाभ होता है। पूजा-पाठ में मन लगता है और अध्यात्म में रूचि रहती है।
इस तरह कोर्ट-कचहरी का करना पड़ता है सामना
यदि घर का पश्चिम वायव्य दिशा निचला है तो पुरुषों को आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। साथ अकारण शत्रुता और कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर और पश्चिम दिशा के मध्य के कोणीय स्थान को वायव्य दिशा का नाम दिया गया है। वहीं अगर उत्तर वायव्य दिशा निचला है तो इससे स्त्रियों को सुख-शांति से वंचित होकर घर से बाहर ज्यादा रहना पड़ता है।
घर में रहता है खुशियों का वातावरण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर दिशा निचला है तो धन लाभ और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। घर में खुशियों का वातावरण बना रहता है। वहीं अगर उत्तर ईशान कोण निचला है तो सुख-समृद्धि का वास होता है और संपन्नता बनी रहती है।

हो सकती है मानसिक परेशानी
वास्तु के अनुसार, घर का मध्य केंद्र निचला है तो इससे आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। और घर में किसी ना किसी को मानसिक परेशानी बनी रहती है।
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