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हैंडल उसकी नाक से फिसलता हुआ उसकी बाईं आंख में जा घुसा। इससे आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद परिजन उसे निजी चिकित्सालय में ले गए, जहां चिकित्सक ने बताया कि आंख बुरी तरह डैमेज हो चुकी है, ऑपरेशन करना होगा। जो जयपुर व चेन्नई में ही बेहतर हो सकता है। इस पर उन्होंने चेन्नई के शंकर हॉस्पिटल में आंख के ऑपरेशन की सलाह दी।
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हर सप्ताह एक मामला
सुवि नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पांडे ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में बाइक चालकों के साथ ऐसे हादसे सामने आ रहे हैं। शहर में करीब एक सप्ताह में कोई न कोई ऐसे ही हादसे में आंख गंवा रहा है। उन्होंने बताया कि बाइक पर गड्ढे व सड़क पर फैली गिट्टी पर फिसलने से चालक दाईं या बाईं तरफ गिरता है। ऐसे में उसकी आंख चोटिल होने का या सिर पर चोट लगने से आंख की नस डैमेज होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अच्छी क्वालिटी का फुट प्रोटेक्शन हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए। आशुतोष ठाकुर के मामले में रोशनी आने के चांस बहुत कम हैं।