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कुचामन पंचायत समिति का एक सरपंच हुआ भूमिगत- जानिए क्यों?

locationकुचामन शहरPublished: May 16, 2019 01:37:40 pm

Submitted by:

Hemant Joshi

हेमन्त जोशी. कुचामनसिटी. कुचामन पंचायत समिति के ग्राम पंचायत हुडील के सरपंच के खिलाफ कानाराम बिजारणियां के खिलाफ तथ्य छिपाकर सरपंच का चुनाव लडऩे के मामले में कुचामन न्यायालय से स्थाई वारंट जारी हो चुका है। ऐसे में सरपंच पिछले तीन माह से भूमिगत चल रहा है। चितावा थाना पुलिस आरोपी सरपंच की तलाश में जुटी हुई है।

A Sarpanch of kuchaman Panchayat samitiunderground - Know why?

A Sarpanch of kuchaman Panchayat samitiunderground – Know why?

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी 2015 में पंचायतीराज के चुनाव सम्पन्न हुए थे। जिसमें ग्राम पंचायत हुडील में कानाराम पुत्र जीवणराम जाट ने अन्य पिछड़ा वर्ग से नाम निर्देशन पत्र जमा कराया था। नामांकन पत्र के प्रारुप 4 घ में कानाराम ने अपने ऊपर कोई मुकदमा, अपराध या न्यायिक कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं दी। जबकि वर्ष 2015 में कानाराम पर अनुसूचित जाति जन जाति, जानलेवा हमले का मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था। इसके अलावा कानाराम बिजारणियां चितावा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर भी रहा है। जिस पर चितावा पुलिस थाने में अलग-अलग 42 मुकदमें दर्ज हुए थे। इसे लेकर ग्रामीणों ने गत वर्ष मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी। जिस पर आयोग के तत्कालीन सचिव सत्यप्रकाश बसवाला ने नागौर जिला कलक्टर को प्रकरण की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नागौर जिला कलक्टर ने कुचामन एसडीएम को मामले की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। कुचामन एसडीएम ने 6 जनवरी 2017 को मामले की जांच कर हुडील सरपंच को निर्वाचन पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में दर्ज मुकदमें नहीं दर्शाने के मामले में दोषी मानते हुए रिपोर्ट तैयार कर नागौर जिला कलक्टर को भिजवा दी। इसी मामले में अतिरिक्त जिला कलक्टर डीडवाना ने भी 14 जून 2017 को नागौर जिला कलक्टर को पत्र भिजवा कर सरपंच के खिलाफ न्यायालय में कार्रवाई करने के लिए लिखा था। जिस पर नागौर जिला कलक्टर ने 2 सितम्बर 2017 को कुचामन एसडीएम रामसुख गुर्जर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कुचामन उपखण्ड अधिकारी 14 अक्टूबर को कुचामन न्यायालय में इस्तगासा पेश किया था।
433 वोटों से जीतकर बना सरपंच- कानाराम ने सरपंच पद के लिए हुए चुनावों में अपने प्रतिद्वंदी लालचंद से 433 वोट अधिक प्राप्त कर जीत हासिल की थी। चुनाव में 2 वोट नोटा को, 113 वोट हरदेवाराम को, 1409 वोट लालचंद को, 55 वोट बजरंगलाल को व 1842 वोट कानाराम को मिले थे। मतगणना में 83 वोट खारिज भी हुए थे।
चार साल बाद हुई कार्रवाई

कानाराम को सरपंच चुने हुए चार साल बीत गए हैं। चुनाव में आपराधिक मामला छिपाकर चुनाव लडऩे के मामले में 4 साल बाद कानूनी कार्रवाई हुई है। जबकि पंचायतराज चुनाव में निर्वाचन अधिकारी खुद जिला कलक्टर होते है। नियमानुसार जांच रिपोर्ट व तथ्यों को देखते हुए जिला कलक्टर की ओर से ही सक्षम कार्रवाई की जा सकती है।

2018 में लड़ा था विधानसभा चुनाव

हुडील सरपंच कानाराम ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सीपीआईएम से चुनाव लड़ा था। जिसमें कानाराम को 6 हजार 717 वोट मिले थे। यह चुनाव लडऩे के कुछ समय बाद ही सरपंच के खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी हो गए थे। लेकिन सरपंच भूमिगत हो गया।

पत्रिका ने किया था खुलासा

पत्रिका ने 9 सितम्बर 2017 को तथ्य छिपाकर लड़ा चुनाव, ढाई साल की सरपंचाई शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे। जिसके बाद 14 अक्टूबर 2017 को तत्कालीन कुचमान उपखण्ड अधिकारी रामसुख गुर्जर ने कुचामन न्यायालय में सरपंच के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने सरपंच के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सरपंच भूमिगत हो गया और पुलिस उसकी तलाश करती रह गई। गिरफ्तारी वारंट पर भी पुलिस के हाथ नहीं लगने पर आखिर न्यायालय ने उसे स्थाई वारंटी घोषित कर दिया है। ऐसे में सरपंच पिछले तीन माह से भूमिगत चल रहा है।
चितावा थाने में दर्ज थे 42 मुकदमें

सरपंच कानाराम पर चितावा सहित अन्य पुलिस थानों में अनुसूचित जाति जनजाति, जानलेवा हमला, मारपीट, एलानियां धमकी सहित अन्य मामलों के 42 मुकदमें हुए थे। जब कानाराम ने सरपंच पद का चुनाव लड़ा था तब भी उसके खिलाफ एससीएसटी व जानलेवा हमले का मामला न्यायालय में विचाराधीन था। लेकिन अपने नामांकन पत्र में कानाराम ने इसका उल्लेख नहीं किया। जिसके आधार पर उपखण्ड अधिकारी की ओर से सरपंच के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई शुरु की गई थी।
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