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ऐसे तो कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे बच्चे?

locationकुचामन शहरPublished: Jul 11, 2018 11:52:28 am

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कुचामन ब्लॉक में कई आंगनवाड़ी भवन जर्जर स्थिति में

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कुचामनसिटी. कुचामन ब्लॉक में कई आंगनवाड़ी भवन जर्जर भवन में हैं। ऐसे में बच्चे अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और बिगड़ जाती है। कहीं छत से पानी टपकता है तो कहीं भवन के गिरने का अंदेशा रहता है। विभाग के लिए भी यह भवन मुसीबत बने हुए हैं। हालांकि इनकी मरम्मत ग्राम पंचायत अपने स्तर पर करवा सकती है, लेकिन बजट के अभाव में वे ऐसा नहीं कर पा रही है। इधर विभाग के पास भी बजट नहीं आता, ऐसे में समय पर भवनों की मरम्मत नहीं हो पाती। जानकारी के मुताबिक ब्लॉक में ऐसे कई आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनके भवन जर्जर अवस्था में है। खासतौर पर बरसात में स्थिति विकट हो जाती है। नालोट का द्वितीय आंगनवाड़ी केन्द्र पुराने जर्जर भवन में ही संचालित हो रहा है। जबकि नया भवन बनकर तैयार हो गया है। लेकिन भवन अभी तक शिफ्ट नहीं हुआ है। प्रेमपुरा आंगनवाड़ी केन्द्र पर ज्यादा बारिश आने के बाद दूसरे कमरे में शिफ्ट करना पड़ता है। भावंता तृतीय का केन्द्र भी निजी भवन में शिफ्ट कर दिया है। इसके अलावा खारिया प्रथम आंगनवाड़ी केन्द्र में भी बरसात आने पर बच्चों के बैठने की व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। पुरोहितों का बास में विभाग का भवन है, लेकिन दूसरे भवन का पानी बहकर आ जाता है। गौरतलब है कि कुचामन-नावां में वर्तमान में 282 आंगनबाड़ी केन्द्र है। साथ ही चार केन्द्र भी स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन अभी वो चालू नहीं हुए हैं।
ज्यादा बारिश में आती है दिक्कत
जानकारों की माने तो ज्यादा बारिश के समय आंगनवाड़ी केन्द्रों में दिक्कत आती है। अन्यथा सामान्य तौर पर केन्द्र संचालित होते हैं। कई केन्द्र पुरानी स्कूलों में चल रहे हैं, जिनमें बरसात के दौरान पानी गिरता है। स्थिति यह है ज्यादा बारिश के दौरान बच्चों को दूसरे भवन में शिफ्ट करना पड़ता है।
इनका कहना है
हां यह बात सही है कि आंगनवाड़ी केन्द्र जर्जर भवनों में चल रहे हैं। बरसात में काफी परेशानी आती है। ग्राम पंचायत अपने बजट से भी भवन की मरम्मत करवा सकती है। जिला परिषद तो मरम्मत का बजट ग्राम पंचायत को आवंटित कर देती है।
– शक्ति सिंह, सीडीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग, कुचामन
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