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अवैध बूस्टरों पर लगी लगाम, विभाग को मिली राहत

locationकुचामन शहरPublished: Aug 21, 2018 11:30:17 am

Submitted by:

Kamlesh Kumar Meena

कुचामन शहर में रूपपुरा हेड वक्र्स से मीठे पानी की आपूर्ति के बाद हुआ चलन कम, कम दबाव से पानी की आपूर्ति की समस्या से भी मिली निजात

कुचामनसिटी. शहर में जब से मीठे पानी की आपूर्ति शुरू हुई है, तब से अवैध बूस्टरों पर लगाम लग गई है। इससे जलदाय को भी काफी राहत मिली है। बूस्टरों पर रोक रूपपुरा हेडवक्र्स से मीठे पानी की आपूर्ति के बाद लगी है। हालांकि शहर में कुछ जगहों पर (ऊपरी इलाके) अभी भी लोगों को बूस्टर का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन लगभग यह चलन अब बंद हो गया है। जानकारी के अनुसार शहर में जब से मीठे पानी की आपूर्ति शुरू हुुई है, तब से बूस्टरों पर रोक लगाने का अभियान लगभग बंद हो गया है। पहले अवैध बूस्टरों को लेकर जलदाय विभाग सख्त था। शहर में आए दिन नलों में पानी का प्रेशर कम आने की शिकायतें होती थी। ऐसे में विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर समय-समय पर अवैध बूस्टरों को जब्त करने की कार्रवाई करते थे। पूर्व में स्थिति ये थी कि प्रेशर से पानी की आपूर्ति के बाद भी बूस्टरों के कारण प्रेशर से जलापूर्ति नहीं होती थी। ऐसे में कनेक्शन काटने तक की नौबत आ जाती थी। विभाग को बार-बार अपील करनी पड़ती थी कि वे बूस्टर का उपयोग नहीं करें ताकि सभी उपभोक्ताओं को उचित दबाव से पानी मिल सके। गौरतलब है कि वर्तमान में शहर में मीठे पानी की आपूर्ति करने के लिए विभाग के पास खुद की पाइपलाइन नहीं है। अभी नहरी परियोजना की रूपपुरा, चितावा 8 इंची लाइन से कनेक्ट कर रखा है। यही नहीं शहर में पानी की आवश्यकता 100 लाख लीटर है, लेकिन आपूर्ति सिर्फ 25 लाख लीटर की ही हो रही है। इसके बावजूद बूस्टरों का चलन अब कम हो गया है। रही सही समस्या भी जल्द ही दूर हो जाएगी। क्योंकि रूपपुरा हेडवक्र्स से विभाग अपनी 16 इंची लाइन बिछाकर शहर में जलापूर्ति करने की तैयारी कर रहा है। इस लाइन के बिछने के बाद 120 लाख लीटर पानी की प्रतिदिन आपूर्ति हो सकेगी। नई लाइन रूपपुरा पम्पहाउस से डीडवाना रोड तथा पांचवा रोड पम्प हाउस तक बिछाई जाएगी।
पूरी तरह दूर हो जाएगी कम दबाव से जलापूर्ति की समस्या
वर्तमान में नहरी परियोजना की लाइन से मीठे पानी की आपूर्ति के बाद ही कम दबाव से जलापूर्ति की काफी समस्या दूर हो गई है। रही सही कमी जलदाय विभाग की खुद की लाइन बिछने के बाद दूर हो जाएगी। इस लाइन के बिछने के बाद शहर में कम दबाव से जलापूर्ति की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी।
पहले ऐसे आती थी दिक्कत
पूर्व में पानी की कमी के कारण नलों में प्रेशर के साथ पानी नहीं आ पाता था। ऊपरी इलाकों में तो एक बूंद पानी भी नहीं टपकता था। उपभोक्ता कम दबाव से पानी आने की शिकायतें करते थे। बाद में विभाग जब इसकी तहकीकात करता था तो बूस्टरों को भी इसका प्रमुख कारण माना जाता था।
इनका कहना है
जब से मीठे पानी की आपूर्ति की शहर में शुरुआत हुई है। तब से बूस्टरों का उपयोग लगभग बंद हो गया है। पहले लोग अपनी सुविधा के लिए बूस्टर का उपयोग करते थे। जहां भी बूस्टर लगे होते थे, वहां विभाग मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करता था। अभियान भी चलाया जाता था।
– ऋषिकुमार शर्मा, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, कुचामनसिटी
रिपोर्ट- कमलेश मीना

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