परिवार के मुखिया सुरेश कुमार जाखड़ ने बताया कि करीब पांच वर्ष पहले जनवरी 2015 में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। इसके बाद दो माह बाद निगम की ओर से डिमांड नोटिस दिया गया। सुरेश कुमार ने डिमांड नोटिस की राशि भी निगम को जमा करवा दी। कई बार चितावा निगम कार्यालय व कुचामन कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद एक दिन बिजली का कनेक्शन करने कर्मचारी पहुंचे, लेकिन कनेक्शन करने के दौरान कुछ लोगों ने विद्युत लाइन में क्रॉसिंग होने का कहकर कनेक्शन होने से रूकवा दिया। निगम के कर्मचारी भी कनेक्शन करने एवं समाधान निकालने के बजाए बीच में ही छोडकऱ आ गए। कनेक्शन नहीं होने पर पीडि़त परिवार कभी चितावा, कुचामन तो कभी नागौर व अजमेर निगम कार्यालय के चक्कर लगा रहे है।
सुरेश कुमार जाखड़ के एक लडक़ा व पांच बेटिया है। जिनमें सबसे बड़ा लडक़ा संजय कुमार है जो इस वर्ष बी.ए. तृतीय वर्ष में अध्यनरत है। इसके बाद सुनिता जाखड़ बी.ए. द्वितीय वर्ष में अध्यनरत है। उससे छोटी बेटी सुमित्रा जाखड़ जिसने बारवीं में 82 प्रतिशत अंक व अनिता जाखड़ ने 10वीं में 78 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद साईन्स मेथ्स में अध्यनरत है। तथा पूजा जाखड़ 10वीं व प्रेम जाखड़ 8वीं में अध्यनरत है। बेटियों ने पत्रिका टीम को कहा कि घर में उजाला हो तो हम भी अच्छी पढ़ाई करके देश का नाम रोशन कर सकती है।
मैने 2015 में विद्युत कनेक्शन के लिए फाइल जमा करवाई थी। मार्च 2015 में डिमांड नोटिस भी जमा करवा दिया। उसके बाद तीन वर्ष तक कई बार अधिकारियों के पास चक्कर लगाने पर निगम के कर्मचारियों ने विद्युत पोल रोप दिए। लेकिन अधिकारियों ने राजनैतिक दबाव के कारण बिना कनेक्शन किए बीच में ही छोडकऱ आ गए। इसके बाद कई बार चितावा के एईएन, कुचामन के एक्सईएन, नागौर के अधीक्षण अभियन्ता के पास कई बार गुहार लगा चुके है। अजमेर विद्युत निगम के कार्यालय में कनेक्शन के लिए गुहार की। हर जगह से केवल आश्वासन ही मिल रहा है। बेटियों को चिमनी के उजाले में पढ़ा-लिखा रहे है। मेरे घर के पास कटाणी रास्ते से होकर बिजली का कनेक्शन किया जा सकता है। मेरे घर के पास एक जगह लगे ट्रंासफार्मर में दो व दूसरी जगह लगे ट्रंासफार्मर में एक कनेक्शन है। इन ट्रांसफार्मरों से भी कनेक्शन किया जा सकता है। गांव के कुछ लोग अपने स्वार्थ की खातिर बेवजह राजनीतिक दबाव बनाकर कनेक्शन नहीं होने दे रहे है। (जैसा की सुरेश कुमार जाखड़ ने पत्रिका को बताया)
बेटियों के दादा मुकनाराम जाट ने बताया कि उन्होंने आर्मी में रहते हुए 24 वर्षों तक देश की सेवा की, लेकिन अब पूर्व सेनिकों की कोई कद्र नहीं है। उन्होंने कहा कि फौजी बनकर देश सेवा की, लेकिन अब अंधेरे में जीवन यापन कर रहे है। Daughters reading in chimney flame, 80 percent marks in board examपूर्व सैनिक मुकनाराम ने बताया कि उसके एक पुत्र तथा छ: पौत्र-पौत्रियां सभी अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर है। उन्होंने यह भी बताया कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आशा जगी थी पूर्व सैनिकों की कद्र होगी। लेकिन घर में बिजली कनेक्शन जैसी सुविधाएं भी नसीब नहीं हो रही है।
सुरेश कुमार, एईएन, विद्युत निगम कार्यालय चितावा
सुभाष कुमार, एक्सईएन विद्युत निगम कुचामन सिटी