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जयपुर से कुचामन तक नशे का काला कारोबार- जानिए कैसे

locationकुचामन शहरPublished: May 12, 2019 09:40:42 am

Submitted by:

Hemant Joshi

युवाओं को ऊंचे ख्वाब दिखाकर ड्रग पैडलर उन्हें नशे में जकड़ रहे है। नए युवाओं को बिना पैसे यह नशा करवाया जाता है और जब वह इसकी लत का शिकार हो जाता है तो उससे मोटी रकम वसूल कर यह नशीली सामग्री मुहैया करवाई जाती है। नशे का यह कारोबार प्रदेश की राजधानी में बेखौफ चल रहा है। जहां से यह नशा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भिजवाया जाता है। अधिकांश युवा तो ऐसे है जो खुद ठिकाने ढूंढते हुए इनके पास पहुंचते है।
– लडक़े ही नहीं लड़कियां भी हो रही है चरस और कोकीन जैसे नशे की शिकार
 

Drug business from Jaipur to Kuchaman

Drug business from Jaipur to Kuchaman

हेमन्त जोशी. कुचामनसिटी.

नागौर जिले में शिक्षा नगरी के रुप में उभर रहे कुचामन शहर और नावां में जब चरस और ड्रग्स जैसे नशे पहुंचने लगे तो पत्रिका टीम इन नशेडिय़ों के साथ सीधे इन युवाओं को सप्लाई करने वाले ड्रग पैडलर तक पहुंची। वह ड्रग पैडलर जो हिमाचल और जयपुर से इस कारोबार को अंजाम देते है। इसके लिए टीम सीधे जयपुर पहुंची और वहां एक ड्रग पैडलर से मिली। जहां कोड वर्ड में हो रही नशीले पदार्थ की बातचीत से एकबारगी तो समझ में कुछ नहीं आया लेकिन जब अनजान बनकर सवाल किए तो पैडलर ने सब समझा दिया। चरस को हैश, कोकीन को सी और ड्रग्स को एलएसडी और एमडी के कोड वर्ड से बात की जाती है। खास बात यह है कि यह लोग एक दूसरे को नाम से नहीं बल्कि बाबा कहकर संबोधित करते है।
लाखों का मुनाफा बताकर देते है इससे जुडऩे का लालच- यह ड्रग पैडलर दूसरे शहरों के युवाओं को ड्रग और दूसरे नशों की सप्लाई में लाखों का मुनाफा होने का लालच देकर जोड़ते हैं। यह पैडलर खुद लग्जरी गाडिय़ां रखते है और इनका हाईप्रोफाइल स्टेटस देखकर दूसरे युवा भी इनकी ओर आसानी से आकर्षित हो जाते है। एक ड्रग पैडलर ने पत्रिका संवाददाता को ही कुचामन में यह काम शुरु करने का लालच दिया। पैडलर ने कहा कि छह महिनें में इतने लडक़े जुड़ जाऐंगे कि आपको इस काम से फुर्सत ही नहीं मिलेगी।
खाते में आधे पैसे डाल दो, आधे माल मिलने पर दे दो

पत्रिका ने पूछा कि हम कैसे करेंगे तो उसने बताया कि हिमाचल से यहां आपको माल मिल जाएगा और उसे आसानी से कुचामन ले जा सकते हो। इसकी शुरुआत कैसे करने के सवाल पर उसने बताया कि आधे पैसे खाते में डलवाने होंगे जिसकी मेरी गारंटी है और आधे पैसे आपको माल डिलीवरी के समय देने है। उसने बताया कि हिमाचल से मीडियम चरस 3 हजार रुपए 10 ग्राम मिल जाती है जो यहां आसानी से 7 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम बिक रही है। एक किलो माल करीब 3 लाख रुपए में मंगवा कर सीधे 6-7 लाख में बेच सकते है। इसमें सीधा डबल मुनाफा है। जितने लडक़े बढेंगे उससे बिक्री भी बढती जाएगी।
चाय की थडिय़ां है नशेडिय़ों का ठिकाना

यह ड्रग पैडलर हमें सीधे दुर्गापुरा में महारानी फार्म स्थित एक चाय की थड़ी पर ले गया। जहां पहले से मौजूद एक दर्जन से अधिक युवा लडक़े बैठे थे। जहां चाय का ऑर्डर दिया तो पता चला कि वहां सभी लडक़े चरस को मिला कर सुलगा रहे हैं। चाय की चुस्कियों के साथ यहां धुएं के छल्ले उड़ रहे थे। ड्रग पैडलर भी अपने जैब से चरस की पुडिय़ा निकालता है उससे करीब 1 ग्राम निकालकर पेपर पर डालता है। इसके अलावा दूसरी जगहों के बारे में पूछने पर बताया कि यहां सभी पॉश इलाकों की थडिय़ों पर आसानी से लडक़े इसका सेवन करते हुए मिल जाऐंगे।
लडक़े नहीं लड़कियां भी करती है सेवन

जयपुर के मालवीय नगर में एक बड़े शॉपिंग मॉल के पास स्थित नामी रेस्टोरेंट के कई लडक़े और लड़कियां बैठे आराम से चरस की धुएं के छल्ले उड़ा रहे थे, जहां ड्रग पैडलर ने बताया कि यहां सबसे ज्यादा बिक्री होती है। वहां आस-पास में ऐसे नशे की सिगरेट बनाने के लिए एक अलग पेपर मिलता है। जिसमें दूसरी ब्रांडेड सिगरेट का जर्दा निकाल कर उसे चरस में मिला दिया जाता है। गौरतलब है कि वहां पास ही पुलिस की गाड़ी भी खड़ी थी, लेकिन पुलिस को भी शायद इन नशेडिय़ों के बारे में सब मालूम है, तभी वहां बेरोकटोक इन नशे की सौदेबाजी होती है।

विदेशी पर्यटक लाते है कोकीन

ड्रग पैडलर ने बताया कि चरस ही नहीं अब तो कोकीन, एमडी और एलएसडी (यह ड्रग्स है) भी खूब चल रही है। उसने बताया कि जयपुर में नाईजीरियन (विदेशी पर्यटक) यह लेकर आते हैं, उससे भी सम्पर्क हो जाएगा। खास बात यह है नाईजीरियन को कोई चैक नहीं करता है जिससे वह आसानी से यहां सप्लाई दे देते है।
कई जिलों में होती है सप्लाई

ड्रग सप्लायर ने बताया कि नागौर जिले के नावां, कुचामन और जयपुर ही नहीं अजमेर, पुष्कर, सीकर, चुरु और जोधपुर तक चरस और कोकीन की सप्लाई हो रही है। पत्रिका को यह भी जानकारी मिली कि यह ड्रग्य और नशा अधिकांश तौर पर स्लीपर बसों के चालकों द्वारा ले जाया जाता है, जिनकी ना तो कोई चैकिंग होती है और ना ही ड्रग सप्लायर्स के कोई टेंशन होती है। जहां डिलीवरी देनी होती है वहां पर लडक़ा आकर चालक को निर्धारित रुपए देकर यह नशीली सामग्री ले जाते हैं।

नावां-कुचामन के कई युवा आए नशे की लत में

जयपुर से सीधे नावां-कुचामन पहुंच रहे एलएसडी (ड्रग्स), चरस और कोकीन जैसे नशीले पदार्थ से युवा अब इनकी लत के शिकार होते जा रहे हैं। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश धनाढ्य परिवारों के युवा इन महंगों नशों की लत के शिकार हो गए है। इन शहरों में प्रतिमाह करीब 1 लाख रुपए का चरस और कोकीन पहुंच कर बाजार में बिक रहा है।

इनका कहना
यदि जयपुर से यहां ड्रग्स जैसे नशे पहुंच रहे हैं तो शीघ्र ही इसके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। युवाओं को इससे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
ताराचंद चौधरी
पुलिस उपाधीक्षक, कुचामन
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